राज्य में कमीशन का खेल, खराब हो रही गोदामों में पड़ी चीनी
- हनुमानगढ़ जिले मेंं 780 क्विंटल तथा श्रीगंगानगर जिले में 1396 क्विंटल चीनी गोदामों में पड़ी
श्रीगंगानगर। प्रदेश में किराये के गोदामों में रखी चीनी पर कमीशन का खेल जमकर हो रहा है। मामला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में राशन की चीनी की खरीद में भारी अनियमतता से जुड़ा है। 25 हजार से ज्यादा राशन डीलर्स और क्रय विक्रय सहकारी समितियों के पास चीनी का स्टॉक होने के बावजूद राजस्थान राज्य खाद्य निगम ने 32 करोड़ की अतिरिक्त चीनी खरीद ली। वहीं, जब माल नहीं उठा तो किराये के गोदाम लेकर उसमें एक लाख बोरी स्टॉक कर दी। जो चीनी अब धीरे-धीरे खराब हो रही है। हनुमानगढ़ जिले मेंं 780 क्विंटल तथा श्रीगंगानगर जिले में 1396 क्विंटल चीनी गोदामों में पड़ी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की जिंदगी से मिठास खत्म हो गई है। राजस्थान में पिछले एक साल से किराये के गोदामों में बीस करोड़ से ज्यादा की 50 हजार 621 क्विंटल चीनी बेकार पड़ी है। सरकार ने इतनी चीनी रखने के लिए किराये के गोदाम ले रखे हैं। इसके साथ ही चीनी खरीदी में ओवर ड्राफ्ट लेने से सरकारी पैसा भी अटक गया है। वर्तमान में प्रदेश में केवन अंत्योदय परिवारों को ही एक किलो चीनी दी जाती है। इनकी संख्या करीब 6।18 लाख हैं। अगर सभी परिवारों को नियमित रूप से भी चीनी दी जाती है तो और अगले दो साल तक यह चीनी समाप्त नहीं होगी। राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पास स्वयं के गोदाम नहीं है इसलिए कई जिलों में किराये पर गोदाम लेकर चीनी रखनी पड़ रही है। किसी जिले में दस हजार तो कही 50 हजार रूपए प्रति माह गोदाम किराये के रूप में चुकाया जा रहा है।
उधर, जिम्मेदार अफसरों ने इस रिपोर्ट पर गौर नहीं फरमाया और चीनी वितरण के आदेश तक जारी नहीं किए। खाद्य सचिव मुग्धा सिन्हा का कहना है कि हमने चीनी की क्वालिटी एंश्योरेंस जांच की है। श्रीगंगानगर रसद विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अंत्योदय के 12 हजार परिवारों को चीनी दी जाती है। प्रति परिवार एक किलो चीनी का वितरण किया जाता है। जनवरी, फरवरी माह की चीनी वितरित की जानी है। इसके लिए सम्बन्धित को पत्र लिखा गया है। पहले बीपीएल परिवारों को भी चीनी वितरित की जाती थी, लेकिन डेढ़ वर्ष से सरकार ने इन परिवारों को चीनी देना बंद कर दिया।
श्रीगंगानगर। प्रदेश में किराये के गोदामों में रखी चीनी पर कमीशन का खेल जमकर हो रहा है। मामला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग में राशन की चीनी की खरीद में भारी अनियमतता से जुड़ा है। 25 हजार से ज्यादा राशन डीलर्स और क्रय विक्रय सहकारी समितियों के पास चीनी का स्टॉक होने के बावजूद राजस्थान राज्य खाद्य निगम ने 32 करोड़ की अतिरिक्त चीनी खरीद ली। वहीं, जब माल नहीं उठा तो किराये के गोदाम लेकर उसमें एक लाख बोरी स्टॉक कर दी। जो चीनी अब धीरे-धीरे खराब हो रही है। हनुमानगढ़ जिले मेंं 780 क्विंटल तथा श्रीगंगानगर जिले में 1396 क्विंटल चीनी गोदामों में पड़ी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों की जिंदगी से मिठास खत्म हो गई है। राजस्थान में पिछले एक साल से किराये के गोदामों में बीस करोड़ से ज्यादा की 50 हजार 621 क्विंटल चीनी बेकार पड़ी है। सरकार ने इतनी चीनी रखने के लिए किराये के गोदाम ले रखे हैं। इसके साथ ही चीनी खरीदी में ओवर ड्राफ्ट लेने से सरकारी पैसा भी अटक गया है। वर्तमान में प्रदेश में केवन अंत्योदय परिवारों को ही एक किलो चीनी दी जाती है। इनकी संख्या करीब 6।18 लाख हैं। अगर सभी परिवारों को नियमित रूप से भी चीनी दी जाती है तो और अगले दो साल तक यह चीनी समाप्त नहीं होगी। राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पास स्वयं के गोदाम नहीं है इसलिए कई जिलों में किराये पर गोदाम लेकर चीनी रखनी पड़ रही है। किसी जिले में दस हजार तो कही 50 हजार रूपए प्रति माह गोदाम किराये के रूप में चुकाया जा रहा है।
उधर, जिम्मेदार अफसरों ने इस रिपोर्ट पर गौर नहीं फरमाया और चीनी वितरण के आदेश तक जारी नहीं किए। खाद्य सचिव मुग्धा सिन्हा का कहना है कि हमने चीनी की क्वालिटी एंश्योरेंस जांच की है। श्रीगंगानगर रसद विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अंत्योदय के 12 हजार परिवारों को चीनी दी जाती है। प्रति परिवार एक किलो चीनी का वितरण किया जाता है। जनवरी, फरवरी माह की चीनी वितरित की जानी है। इसके लिए सम्बन्धित को पत्र लिखा गया है। पहले बीपीएल परिवारों को भी चीनी वितरित की जाती थी, लेकिन डेढ़ वर्ष से सरकार ने इन परिवारों को चीनी देना बंद कर दिया।

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