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पुलिस की ये सलाह मानिए, साइबर अपराधियों से बचिए

- पुलिस विभाग ने बताए ठगों से बचने के उपाय
श्रीगंगानगर। वर्तमान में इंटरनेट के बढते प्रयोग के कारण आमजन विभिन्न सोशल साइट एण्ड ऑनलाइन परचेजिंग साइट बहुत ज्यादा सक्रिय है तथा बिना सिक्यूरिटी फीचर के इंटरनेट का प्रयोग करने से साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं। इन साइबर अपराधों से बचने के लिए राज्य पुलिस विभाग ने आमजन से विभिन्न सावधानियां रखने की अपील की है।
पुलिस विभाग की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मोबाइल फोन पर अगर ट्रयू कॉलर इस्टॉल है और उस पर कोई जानकारी प्राप्त होती है तो वह पूर्ण विश्वसनीय नहीं है। सोशल साइट  के संबंध में अपना यूजर आईडी और पासवर्ड किसी के साथ साझा ना करें एवं अपना पासवर्ड समय-समय पर परिवर्तित करते रहें तथा अपने अकाउंट में सुरक्षा से संबंधित टू स्टेप वेरीफिकेशन चालू रखें सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे जन्म तिथि /विवाह की वर्षगांठ /मोबाइल नंबर/घर का पता कभी भी साझा नहीं करनी चाहिए।
पुलिस विभाग के अनुसार किसी के मोबाइल पर अगर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) से संबंधित मैसेज आएं और आप से उसकी जानकारी मांगी फोन पर मांगे तो यह जाहिर है उसका अकाउंट किसी के द्वारा हैक किया जा रहा है। या ओटीपी खाते का सुरक्षा कोड है जो किसी को भी नहीं बताना चाहिए। बैंक कभी भी फोन पर अपने ग्राहकों से खातों से संबंधित जानकारी एवं एटीएम कार्ड के पिन/सीवीवी नंबरों की जानकारी नहीं पूछता है।
पुलिस के अनुसार विभिन्न सोशल साइट उपयोग एवं ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान भुगतान के पश्चात हमेशा अपने अकाउंट से लोग आउट चाहिए। किसी के साथ भी अपना पासवर्ड शेयर ना करें। अपने अकाउंट पर पासवर्ड को कभी भी वेब ब्राउजर पर परमानेंट सेव ना करें। ऑनलाइन ट्रॉजेक्शनस हमेशा सुरक्षित वेबसाइट एचटीटीपीएस से ही करें ना कि एचटीटीपी से शुरू होने वाली वेबसाइट से। बीमा कंपनियां कभी बंद बीमा पॉलिसियों को चालू करने/उनके पैसे दिलाने, ज्यादा मुनाफे का लालच, लोन दिलाने के नाम पर कभी भी अन्य खातों में रूपए जमा करवाने की मांग नही करती है।
अपरिचित व्यक्तियों द्वारा ईमेल/मैसेज आदि भेजे गए लिंक पर क्लिक ना करें इससे आपके कंप्यूटर मेंउपलब्ध डाटा हैकर/साइबर अपराधियों द्वारा चोरी/ब्लॉक किया जा सकता है। विदेशी व्यापार के दौरान लेन-देन करने से पूर्व ई-मेल बैंक खातों का सत्यापन अवश्य करें तथा डिजिटल सिग्नेंचर का प्रयोग करें। लॉटरी खुलने/इनाम निकलने /किसी चौरिटी ट्रस्ट में रुपये जमा करवाने के संबंध में मिलने वाले मैसेज/ ई-मेल व मोबाइल कॉल्स पर ध्यान नहीं देवें।



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