नई दिल्ली। फ्रांस के साथ 36 राफेल जेट खरीदने की डील से कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने एस्क्रो अकाउंट के जरिये पेमेंट को लेकर वित्तीय सलाहकारों की सिफारिश के साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में जुर्माना लागने जैसे सख्त प्रावधान हटा लिए थे. अंग्रेजी अखबार 'द हिन्दूÓ ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. इससे पहले इसी अखबार ने रक्षा मंत्रालय के भेजे एक नोट के हवाले से बताया था कि राफेल डील को लेकर बातचीत में प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल दे रहा था और इस पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने एतराज़ जताया था. अखबार ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा है कि उच्च स्तरीय राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण भारत सरकार ने सप्लाई प्रोटोकॉल से मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी) की उन धाराओं को हटा लिया था, जिनके तहत 'बेजा दबाव और दलालों तथा एजेंसियों के इस्तेमाल पर दंड लगानेÓ का प्रावधान था. इसके साथ 'दसॉ एविएशन व एमबीडीए फ्रांस के कंपनी खातों में पहुंच के अधिकारÓ देने वाले प्रावधानों को भी हटा लिया गया.
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