श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ महोत्सव का आगाज
- कलश यात्रा के बाद पं. सत्यपाल पाराशर ने प्रारम्भ की कथा, चमडिय़ा परिवार है आयोजक
हनुमानगढ़। चमडिय़ा परिवार की ओर से हनुमानगढ़ टाउन में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ महोत्सव आज से 18 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इसकी शुरुआत सोमवार दोपहर में कलशयात्रा से की गई। श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर से प्रारम्भ हुई कलशयात्रा कथास्थल हनुमानगढ़ टाऊन में व्यापार मण्डल स्कूल के नजदीक श्री माहेश्वरी भवन पहुंचकर विसर्जित होगी। यहां श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में पण्डित सत्यपाल पाराशर कथा व्यास होंगे।
सत्यनारायण चमडिय़ा ने बताया कि दोपहर बाद श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। 12 फरवरी से प्रतिदिन दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक कथा होगी।
उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को परीक्षित शुकदेव मिलन, कपिल मुनि उपाख्यान, 13 फरवरी को ध्रुव, भरत, प्रहलाद चरित्र नृसिंह अवतार, 14 फरवरी को समुद्र मन्थन, श्रीरामवतार, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 15 फरवरी को श्रीकृष्ण बाल लीला, गोवर्धन पूजन, महारास प्रसंग, 16 फरवरी को कंसोद्वार, गोपी उद्वव संवाद, रुकमिणी मंगल, सुदामा चरित्र, श्रीकृष्ण उद्वव संवाद, हंसोपाख्यान, 17 फरवरी को परीक्षित मोक्ष व्याख्यान के साथ कथा विराम होगा। 18 फरवरी को श्रीमद्भागवत यज्ञ पूर्णाहूति के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा।
हनुमानगढ़। चमडिय़ा परिवार की ओर से हनुमानगढ़ टाउन में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ महोत्सव आज से 18 फरवरी तक आयोजित किया जा रहा है। इसकी शुरुआत सोमवार दोपहर में कलशयात्रा से की गई। श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर से प्रारम्भ हुई कलशयात्रा कथास्थल हनुमानगढ़ टाऊन में व्यापार मण्डल स्कूल के नजदीक श्री माहेश्वरी भवन पहुंचकर विसर्जित होगी। यहां श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में पण्डित सत्यपाल पाराशर कथा व्यास होंगे।
सत्यनारायण चमडिय़ा ने बताया कि दोपहर बाद श्रीमद्भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ। 12 फरवरी से प्रतिदिन दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक कथा होगी।
उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को परीक्षित शुकदेव मिलन, कपिल मुनि उपाख्यान, 13 फरवरी को ध्रुव, भरत, प्रहलाद चरित्र नृसिंह अवतार, 14 फरवरी को समुद्र मन्थन, श्रीरामवतार, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 15 फरवरी को श्रीकृष्ण बाल लीला, गोवर्धन पूजन, महारास प्रसंग, 16 फरवरी को कंसोद्वार, गोपी उद्वव संवाद, रुकमिणी मंगल, सुदामा चरित्र, श्रीकृष्ण उद्वव संवाद, हंसोपाख्यान, 17 फरवरी को परीक्षित मोक्ष व्याख्यान के साथ कथा विराम होगा। 18 फरवरी को श्रीमद्भागवत यज्ञ पूर्णाहूति के बाद प्रसाद वितरित किया जाएगा।
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