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श्रीगंगानगर से सटे भारत-पाक बॉर्डर पर छोड़ा जाएगा कोबरा तार का करंट

- अब घुसपैठियों, आतंकवादियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों की खैर नहीं
श्रीगंगानगर। जिले से लगती भारत-पाक सीमा पर होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए अब कोबरा तार का करंट छोड़ा जाएगा। घुसपैठ और पाक रेंजर्स की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए लेजर और कैमरों का पहले से ही उपयोग किया जा रहा है । श्रीगंगानगर जिले समेत राजस्थान से सटी 1037 किलोमीटर लंबी सीमा पर कोबरा तार छोडऩे के बाद चौकसी पूरी तरह से हाईटेक हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब के पास राजस्थान की सीमा के 12 किलोमीटर क्षेत्र में तारबंदी में करंट छोडऩे का प्रयोग सफल होने के बाद अब पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर यह प्रयोग किया जा रहा है। वर्तमान में सीमा पर लोहे की गर्डरों के बीच कंटीले तारों का घुमावदार जाल बिछाया गया है। लेकिन कई बार कंटीले तारों को भेदकर घुसपैठ के प्रयास होते रहते हंै।
ऐसे में अब तीन स्तरीय तारबंदी को मजबूत करने के लिए कंटीले तारों के स्थान पर रेजर वायर (ब्लेड तार) बिछाने का काम शुरू किया गया है। इसके साथ ही करंट छोडऩे के लिए कोबरा तार भी बिछाने का काम शुरू हो गया है।
सैन्य सूत्रों के अनुसार कोबरा तार में करंट छोड़े जाने के बाद घुसपैठ और तस्करी की घटनाओं पर लगाम लगेगी। पंजाब से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कोबरा तार में करंट छोड़े जाने के बाद से घुसपैठ और तस्करी की घटनाओं में कमी आई है।
गौरतलब है कि राजस्थान के चार जिले पाकिस्तान सीमा से सटे हुए हैं। इनमें सबसे अधिक 433 किमी जैसलमेर, 233 किमी  बाड़मेर, 211 किमी श्रीगंगानगर और बीकानेर जिले की 160 किमी सीमा पाक से सटी हुई है।


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