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परिवहन विभाग का आदेश-अब सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस और पेनिक बटन लगाना अनिवार्य

- जीपीएस एवं पेनिक बटन के अभाव में नहीं होगा रजिस्ट्रेशन
श्रीगंगानगर। अब जिन सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस और पेनिक बटन नहीं लगा होगा, परिवहन विभाग उनका पंजीकरण नहीं करेगा। विभाग ने अब नए खरीदे जाने वाले सभी सार्वजनिक वाहनों में जीपीएस व पेनिक बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है। परिवहन विभाग के संयुक्त  आयुक्त ने इस बारे में राज्य के सभी जिला परिवहन अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है।
आदेश के अनुसार विभागीय अधिकारी केन्द्रीय मोटर यान नियम 1989 के तहत आर्टिकल 125 की अनुपालना सुनिश्चित करेंगे। साथ ही फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए वाहनों की जांच के समय सार्वजनिक वाहनों में वीएलटी डिवाइस की फिटनेस और कार्यात्मक स्थित की जांच करेंगे। मालिक को किसी भी निर्माता से अपनी पंसद की वीएलटी डिवाइस चुनने की स्वतंत्रता होगी। वह अपने हिसाब से यह डिवाइस अपने वाहन में लगा सकेगा।
नए वाहनों में डिवाइस निर्माता स्वयं लगाकर देंगे या डीलर की ओर से लगवाए जाएंगे। पुराने वाहनों में डिवाइस लगाने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।
वाहनों में यह नहीं लगे होने की स्थिति में परिवहन विभाग ऐसे वाहनों का पंजीयन नहीं करेगा। वहीं पुराने वाहनों को 28 फरवरी 2019 से पहले कंपनियों ने निर्माण कर लिए उन वाहनों पर डिवाइस एवं पेनिक बटन डीलर लगाकर देंगे।
फिलहाल होती है कठिनाई
वर्तमान मेंं कई बार किसी वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर पुलिस को उस वाहन तक पहुंचने में काफी परेशानी आती है लेकिन अब जीपीएस सिस्टम लगा होने से पुलिस व 108 वाहन को दुर्घटना वाले स्थान पर पहुंचने में किसी प्रकार परेशानी नहीं होगी। अब वाहन में ट्रेकिंग डिवाइस जीपीएस लगे होने वाले से वाहनों की लोकेशन आदि की जानकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से तुरंत मिल सकेगी।
क्या फायदा होगा पेनिक बटन का
नए सिस्टम के अनुसार जिस तरह से रेल में आपातकालीन बटन जैसे चेन सिस्टम होता है वैसा ही अब सार्वजनिक वाहनों बस, ट्रक व टैक्सी परमिट वाहनों में पैनिक बटन लगेगा। वाहनों में यह आपातकालीन बटन के नाम से होगा। जिसको दबाते ही परिवहन व पुलिस विभाग को इसकी जानकारी तुरंत मिल जाएगी। यह बटन आग लगने व आपात स्थिति में मदद करेगा।


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