विधानसभा में गुर्जरों के लिए पांच फीसदी आरक्षण बिल पेश
जयपुर। राज्य सरकार ने बुधवार को विधानसभा में गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण के लिए प्रस्ताव पेश कर दिया। राजस्थान पिछड़ा वर्ग संशोधन विधेयक को कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला ने सदन में रखा।
इस विधेयक के बाद सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में गुर्जर समेत पांच जातियों को आरक्षण का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर मंगलवार को कैबिनेट में सहमति हो गई थी। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के लिए क्रीमीलेयर की सीमा आठ लाख रुपए करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई।
आंदोलन शांत कराने के लिए दो दिन से चल रही मशक्कत के बाद सरकार ने यह निर्णय किया है। इन मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, वरिष्ठ मंत्रियों और गुर्जर विधायकों के साथ मंगलवार को दोपहर में करीब दो घंटे तक मंथन किया।
इससे पहले विधेयक पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता शैलेंद्र सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सरकार के विधेयक का अध्ययन करने के बाद ही आंदोलन पर निर्णय किया जाएगा। विधेयक आने से कोई मतलब नहीं, हमें तो पांच फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन चाहिए। विधेयक ऐसा हो जो कानूनी रूप से सुदृढ़ हो। इसके बाद ही निर्णय किया जाएगा।
इस विधेयक के बाद सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश में गुर्जर समेत पांच जातियों को आरक्षण का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
गुर्जर सहित पांच जातियों को पांच प्रतिशत और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर मंगलवार को कैबिनेट में सहमति हो गई थी। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के लिए क्रीमीलेयर की सीमा आठ लाख रुपए करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई।
आंदोलन शांत कराने के लिए दो दिन से चल रही मशक्कत के बाद सरकार ने यह निर्णय किया है। इन मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, वरिष्ठ मंत्रियों और गुर्जर विधायकों के साथ मंगलवार को दोपहर में करीब दो घंटे तक मंथन किया।
इससे पहले विधेयक पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता शैलेंद्र सिंह का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सरकार के विधेयक का अध्ययन करने के बाद ही आंदोलन पर निर्णय किया जाएगा। विधेयक आने से कोई मतलब नहीं, हमें तो पांच फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन चाहिए। विधेयक ऐसा हो जो कानूनी रूप से सुदृढ़ हो। इसके बाद ही निर्णय किया जाएगा।

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