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प्रेक्षा ध्यान से करते हैं रोग के मूल कारण का उपचार

- अध्यात्म साधना केन्द्र दिल्ली के मानद निदेशक केसी जैन से विशेष बातचीत
- श्रीगंगानगर में 17 फरवरी को लगेगा शिविर, सांध्य बॉर्डर टाइम्स है मीडिया पार्टनर
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर मेंं सत्रह फरवरी को प्रेक्षा ध्यान शिविर का अनूठा आयोजन किया जा रहा है। अध्यात्म साधना केन्द्र नई दिल्ली के तत्वावधान और सांध्य बॉर्डर टाइम्स की मीडिया पार्टनरशिप में आयोजित किए जा रहे प्रेक्षा ध्यान शिविर में लोगों के लिए शुगर, बीपी, डिप्रेशन, तनाव, अर्थराइटिस, थाइराइड, हार्ट, किडनी और लीवर से संबंधित इत्यादि बीमारियों से मुक्ति पाने का मार्ग प्रशस्त होगा और लोग हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त रहने का रहस्य जान सकेंगे। प्रेक्षा ध्यान क्या है, इससे कैसे रोगों पर विजयी पाई जा सकती है,  इस बारे में सांध्य बॉर्डर टाइम्स संवाददाता ने अध्यात्म साधना केन्द्र के मानद निदेशक और आयकर विभाग के रिटायर प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर केसी जैन से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं खास अंश:
- प्रेक्षा ध्यान का उद्देश्य क्या है?
 हमारे अस्तित्व के दो अंग हैं शरीर एवं आत्मा। तीन सौ सालों में मेडिकल क्षेत्र मेंं जो प्रगति हुई है, वह अद्भुत है पर वह सारी प्रगति शरीर के स्तर पर है। वास्तविक स्थिति यह है कि शरीर का आत्मा और मन पर तथा आत्मा और मन का शरीर पर प्रभाव होता है। यह दोनों एक-दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं लेकिन केवल शरीर का ही इलाज पूरा नहीं हो पा रहा है। इस कारण व्यक्ति सारी उम्र दवा लेता है पर स्वस्थ नहीं हो पा रहा है क्योंकि मूल कारण भीतर है। प्रेक्षा ध्यान के जरिए रोग के मूल कारण का उपचार करने का प्रयास किया जा रहा है। जब शरीर एवं मन दोनों का इलाज होगा, तब व्यक्ति स्वस्थ होगा। इस संदेश को आम लोगों तक पहुंचाना ही प्रेक्षा ध्यान का उद्देश्य है।
- क्या मेडिकल साइंस प्रेक्षा ध्यान को स्वीकार करती है?
मेडिकल साइंस अब मानने लगी है कि नब्बे फीसदी रोग मनोकारक हैं। चाहे शुगर हो, कैंसर हो, अर्थराइटिस हो बीपी हो या थायराइड आदि। सिर्फ मन के स्तर के ऊपर दवा से काम नहीं हो सकता क्योंकि वह शरीर से परे की चीज है। शरीर से परे जाने के लिए ध्यान का सहारा लेना होगा। जब हम सारे कारणों पर एक साथ काम करते हैं तो सही तथा अद्भुत रिजल्ट आते हैं।
- आपने ऐसे क्या सफल प्रयोग किए हैं, जिससे रोग निवारण हुआ है?
अध्यात्म साधना केन्द्र तीस साल से ज्यादा समय से काम कर रहा है। हमारे लोगों ने स्वास्थ्य में स्थाई लाभ पाया है। ऐसे अनेक प्रमाण हैं।
- प्रेक्षा ध्यान प्रशिक्षण कितने दिन का होता है?
हम अध्यात्म साधना केन्द्र में सात दिवसीय आवासीय कैम्प लगाते हैं। जिसका शुल्क साधारण है। इस कैम्प के अतिरिक्त भी कोई आना चाहे तो उसके लिए सुंदर व्यवस्था है। उत्तम प्रशिक्षक उपलब्ध हैं, आवास की सुविधा भी सुविधामय और सुंदर है।
- श्रीगंगानगर में आयोजित किया जा रहा कैम्प कितनी अवधि का है?
यह तीन घंटे का परिचयात्मक कैम्प है। इसमें बताया जाएगा कि किस प्रकार प्रेक्षा ध्यान से हम स्वयं को स्वस्थ कर सकते हैं।
- इस कैम्प में कौन-कौन भाग ले सकता है?
इसमेंं डॉक्टर, प्रोफेशनल्स, व्यापारी, छात्र तथा स्वास्थ्य लाभ के इच्छुक सभी महिला-पुरुष भाग ले सकते हैं।
- क्या इस तरह के कैम्पों का आयोजन और भी कहीं किया जा रहा है?
सत्रह फरवरी को श्रीगंगानगर में कैम्प होगा और इस दिन शाम को पदमपुर में, अठारह फरवरी को सुबह रायसिंहनगर व शाम को सूरतगढ़ तथा उन्नीस फरवरी की शाम को हनुमानगढ़ जंक्शन में कैम्प लगेगा।


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