कर्ज चुकाना नहीं चाहता था माल्या, 7500 करोड़ रुपये के शेयर रखे थे सुरक्षित
नई दिल्ली। संकट में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या और युनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल) समेत किंशफिशर एयरलाइन लिमिटेड (केएएल) के प्रमोटरों के पास कई पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के शेयर के रूप में काफी चल संपत्तियां थीं, लेकिन उन्होंने इनसे बैंक का बकाया नहीं चुकाया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह खुलासा अब बंद हो चुकी इस एयरलाइन के मामले की जांच में किया है। यानी सरकारी बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर भागा विजय माल्या असल में पैसा लौटाना ही नहीं चाहता था। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत ईडी की जांच में पाया गया है कि माल्या और यूबीएचएल के पास समूह की कई पब्लिक लिमिटेड कंपनियों में 3,847.45 करोड़ रुपये के शेयर थे। दरअसल, यूबीएचएल, युनाटेड स्पिरिट, युनाटेड ब्रेवरीज और मैकडोवेल के शेयरों में माल्या के पास कुल 1,773.49 करोड़ रुपये (12 अगस्त 2016 को) के शेयर थे और यूटीआई इन्वेस्टर्स सर्विसेज के पास 1,653 करोड़ रुपये के शेयर गिरवी थे। ईडी की जांच से हुए खुलासे के अनुसार, यूटीआई इन्वेस्टर्स सर्विसेज के पास माल्या के गिरवी पड़े सारे शेयरों का दावा नहीं बेचा गया, जबकि उसके एवज का दायित्व पहले ही चुकता हो चुका था। मतलब, बैंक अपने बकाये के एवज में शेयरों को अटैच (जब्त) नहीं कर सकते थे क्योंकि दावा व्यवस्था के तहत शेयरों को इस प्रकार हस्तांतरण नहीं हो सकता था।

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