फिर खुलेंगे श्रीगंगानगर जिले के 70 से अधिक स्कूल
- गहलोत सरकार स्कूलों को बंद कर देने के वसुंधरा सरकार के फैसले को पलटने की तैयारी में
श्रीगंगानगर। राज्य की कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार का एक और बड़ा फैसला पलटने की तैयारी में है। गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की ओर से समानीकरण के नाम पर बंद किए गए स्कूलों को खोलने की मुहीम शुरू कर दी है। इसके लिए ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक कमेटी बनाने के आदेश दे दिए गए हैं ताकि बंद पड़े स्कूल फिर से शुरू किए जा सकें। इस कवायद से श्रीगंगानगर जिले के 70 से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में फिर से चहल-पहल शुरू हो सकेगी, जिन्हें वसुंधरा सरकार ने बंद कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गहलोत सरकार पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार द्वारा बंद किए गए स्कूलों के ताले खोलने के अभियान में जुट गई है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर कमेटियां बनाने के निर्देश दिए हैं।
ये कमेटियां पंच, सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख और विधायकों से राय मशविरा कर बंद किए गए स्कूलों को खोलने की सिफारिश करेंगी। लोकसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार का इसे बड़ा फैसला माना जा रहा है।
गौरतलब है कि वसुंधरा सरकार ने तमाम जनविरोधों को दरकिनार करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए प्रदेश में 22 हजार स्कूल बंद किए थे। सरकार की इस पर काफी आलोचना भी हुई थी। मंत्री से लेकर विधायक तक ने अपने इलाके के स्कूलों को बचाने की तमाम कोशिशें की थी, लेकिन वही हुआ जो तत्कालीन शिक्षा मंत्री चाहते थे।
श्रीगंगानगर। राज्य की कांग्रेस सरकार पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार का एक और बड़ा फैसला पलटने की तैयारी में है। गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की ओर से समानीकरण के नाम पर बंद किए गए स्कूलों को खोलने की मुहीम शुरू कर दी है। इसके लिए ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक कमेटी बनाने के आदेश दे दिए गए हैं ताकि बंद पड़े स्कूल फिर से शुरू किए जा सकें। इस कवायद से श्रीगंगानगर जिले के 70 से अधिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में फिर से चहल-पहल शुरू हो सकेगी, जिन्हें वसुंधरा सरकार ने बंद कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गहलोत सरकार पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार द्वारा बंद किए गए स्कूलों के ताले खोलने के अभियान में जुट गई है। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर कमेटियां बनाने के निर्देश दिए हैं।
ये कमेटियां पंच, सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख और विधायकों से राय मशविरा कर बंद किए गए स्कूलों को खोलने की सिफारिश करेंगी। लोकसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार का इसे बड़ा फैसला माना जा रहा है।
गौरतलब है कि वसुंधरा सरकार ने तमाम जनविरोधों को दरकिनार करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए प्रदेश में 22 हजार स्कूल बंद किए थे। सरकार की इस पर काफी आलोचना भी हुई थी। मंत्री से लेकर विधायक तक ने अपने इलाके के स्कूलों को बचाने की तमाम कोशिशें की थी, लेकिन वही हुआ जो तत्कालीन शिक्षा मंत्री चाहते थे।

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