फर्श में बना रखे थे 12 लॉकर, टाइल्स उखाड़ कर निकाले
- 5 करोड़ के नकदी-जेवर मिले
जोधपुर। यहां स्टील के कारोबार से जुड़े राजलक्ष्मी ग्रुप के मालिकों ने अपने घरों में फर्श के नीचे काला धन छुपा रखा था। इसे आयकर विभाग की टीमों ने 81 घंटे चले सर्च में खोद निकाला। जमीन के नीचे से 12 लॉकर निकले। टीम ने इनमें 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी व सोना-चांदी के जेवर जब्त किए हैं। प्रारंभिक पड़ताल में ही 40-50 करोड़ का अघोषित लेन-देन होना सामने आया है, लेकिन विभाग को इससे ज्यादा की अघोषित आय उजागर होने की उम्मीद है। इनके अलावा ग्रुप से जुड़े लोगों के विभिन्न बैंकों में 5-6 लॉकर भी हैं, जिन्हें विभाग ने बैंक को पत्र लिखकर सीज करवा दिए हैं। सूत्रों के अनुसार इस ग्रुप के मालिकों के नए-पुराने अधिकांश घरों के फर्श के नीचे तिजोरियां छुपाई हुई थीं।
इनमें कोई तिजोरी एक गुणा एक फीट की साइज की टाइल के नीचे छुपाई गई थी, तो कोई इससे बड़ी।
इसके साथ ही टीमों ने तकनीकी स्तर पर भी फर्श, अलमारियों व दीवारों पर बनी अलमारियों के एक-एक इंच को बारीकी से खंगाला। इसी दौरान फर्श की टाइलों का निरीक्षण करते समय टीमों को कुछ टाइल पर संदेह हुआ। लकड़ी के डंडे इत्यादि से उस जगह पर फटकारने से आने वाली आवाज में भी खोखलापन महसूस हुआ, तो उनका शक पुख्ता होता चला गया। उस टाइल को खोदने पर नीचे लॉकर मिले।
250 कर्मचारियों की टीमों ने 39 ठिकानों पर मारा छापा
प्रदेशभर के 250 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों की टीमों ने मंगलवार सुबह राजलक्ष्मी ग्रुप से जुड़े 30 ठिकानों पर छापा मारा था। पड़ताल में कई दूसरे ठिकानों का पता चलता रहा और 3 दिन में कुल 39 जगहों पर पड़ताल की गई।
जोधपुर। यहां स्टील के कारोबार से जुड़े राजलक्ष्मी ग्रुप के मालिकों ने अपने घरों में फर्श के नीचे काला धन छुपा रखा था। इसे आयकर विभाग की टीमों ने 81 घंटे चले सर्च में खोद निकाला। जमीन के नीचे से 12 लॉकर निकले। टीम ने इनमें 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी व सोना-चांदी के जेवर जब्त किए हैं। प्रारंभिक पड़ताल में ही 40-50 करोड़ का अघोषित लेन-देन होना सामने आया है, लेकिन विभाग को इससे ज्यादा की अघोषित आय उजागर होने की उम्मीद है। इनके अलावा ग्रुप से जुड़े लोगों के विभिन्न बैंकों में 5-6 लॉकर भी हैं, जिन्हें विभाग ने बैंक को पत्र लिखकर सीज करवा दिए हैं। सूत्रों के अनुसार इस ग्रुप के मालिकों के नए-पुराने अधिकांश घरों के फर्श के नीचे तिजोरियां छुपाई हुई थीं।
इनमें कोई तिजोरी एक गुणा एक फीट की साइज की टाइल के नीचे छुपाई गई थी, तो कोई इससे बड़ी।
इसके साथ ही टीमों ने तकनीकी स्तर पर भी फर्श, अलमारियों व दीवारों पर बनी अलमारियों के एक-एक इंच को बारीकी से खंगाला। इसी दौरान फर्श की टाइलों का निरीक्षण करते समय टीमों को कुछ टाइल पर संदेह हुआ। लकड़ी के डंडे इत्यादि से उस जगह पर फटकारने से आने वाली आवाज में भी खोखलापन महसूस हुआ, तो उनका शक पुख्ता होता चला गया। उस टाइल को खोदने पर नीचे लॉकर मिले।
250 कर्मचारियों की टीमों ने 39 ठिकानों पर मारा छापा
प्रदेशभर के 250 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों की टीमों ने मंगलवार सुबह राजलक्ष्मी ग्रुप से जुड़े 30 ठिकानों पर छापा मारा था। पड़ताल में कई दूसरे ठिकानों का पता चलता रहा और 3 दिन में कुल 39 जगहों पर पड़ताल की गई।

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