तो कौन खाता रहा लाखों का चारा?
- नंदीशाला से 200 पशु गायब होने का मामला
श्रीगंगानगर। नगर परिषद की मिर्जेवाला रोड स्थित नंदीशाला से 200 पशु के गायब होने का खुलासा होने के बाद चारा घोटाले की पर्तें भी उधेड़ी जा रही हैं। नंदीशाला प्रभारी को पहले ही निलंबित करने का दावा किया जा रहा है। अब पशुओं के नाम पर लाखों रुपए के चारे घाटाले की जांच भी करवाई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रभारी के साथ मिलीभक्ती पाए जाने वाले कर्मचारियों पर भी गाज गिरेगी।
सुत्रों के अनुसार नगर परिषद ने करीब 4 माह पहले नंदीशाला में तुड़ी आपूर्ति के लिए लगभग 20 लाख रुपए में ठेका दिया था। जिन दिनों ठेके की कार्रवाई चल रही थी, उन्हीं दिनों नंदी शाला से पशुओं की संख्या घटाने का खेल चलता रहा, ताकि पशुओं के चारे के नाम पर ठेकदार से मिलीभक्त कर राजस्व को हड़प किया जा सके। नंदीशाला में लगाए कुछ कर्मचारी इस खेल में कामयाब भी हो रहे थे, लेकिन पिछले महीने के 3 दिन में 12 पशुओं की मौत के बाद यह खेल बिगड़ गया। प्रशासन के आदेश पर जांच करवाई तो जांच में पशुओं की संख्या 478 बताई गई, जबकि नगर परिषद से बजट 678 पशुओं का उठाया जा रहा था।
नहीं बचेंगे गौमाता का निवाला छीननेवाले
नंदीशाला में चारा घोटाले के विषय पर सभापति अजय चांडक का कहना है कि गौमाता का निवाला छीननेवाले नहीं बचेंगे। नगर परिषद आयुक्त से पूरे मामले की जांच के लिए कहा गया है।
पशुओं के चारे का घोटाला करने में नंदीशाला प्रभारी सहित जितने भी कर्मचारी लिप्त होंगे, सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घोटाले की राशि की वसुली भी इन्हीं कर्मचारियों से होगी।
नहीं हुए निलम्बन आदेश
नंदीशाला में पशुओं की मौत और चारा घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रभारी लेखाकार मदनलाल डूडी को निलम्बित करने के दावे बार-बार किए जा रहे हैं, जबकि अभी तक निलम्बन आदेश ही जारी नहीं हुए हैं। सूत्रों के अनुसार डूडी इन दिनों मेडिकल लिव पर है। जांच अधिकारी जुबेर खान ने बताया कि डूडी के निलम्बन संबंधी आदेश अभी तक उनके पास नहीं आए हैं। नंदीशाला में घोटाले की जांच प्रगति पर है।
इस बारे में मदन लाल डूडी से सम्पर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल नोट रिचेबल बताया गया।
श्रीगंगानगर। नगर परिषद की मिर्जेवाला रोड स्थित नंदीशाला से 200 पशु के गायब होने का खुलासा होने के बाद चारा घोटाले की पर्तें भी उधेड़ी जा रही हैं। नंदीशाला प्रभारी को पहले ही निलंबित करने का दावा किया जा रहा है। अब पशुओं के नाम पर लाखों रुपए के चारे घाटाले की जांच भी करवाई जा रही है। जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रभारी के साथ मिलीभक्ती पाए जाने वाले कर्मचारियों पर भी गाज गिरेगी।
सुत्रों के अनुसार नगर परिषद ने करीब 4 माह पहले नंदीशाला में तुड़ी आपूर्ति के लिए लगभग 20 लाख रुपए में ठेका दिया था। जिन दिनों ठेके की कार्रवाई चल रही थी, उन्हीं दिनों नंदी शाला से पशुओं की संख्या घटाने का खेल चलता रहा, ताकि पशुओं के चारे के नाम पर ठेकदार से मिलीभक्त कर राजस्व को हड़प किया जा सके। नंदीशाला में लगाए कुछ कर्मचारी इस खेल में कामयाब भी हो रहे थे, लेकिन पिछले महीने के 3 दिन में 12 पशुओं की मौत के बाद यह खेल बिगड़ गया। प्रशासन के आदेश पर जांच करवाई तो जांच में पशुओं की संख्या 478 बताई गई, जबकि नगर परिषद से बजट 678 पशुओं का उठाया जा रहा था।
नहीं बचेंगे गौमाता का निवाला छीननेवाले
नंदीशाला में चारा घोटाले के विषय पर सभापति अजय चांडक का कहना है कि गौमाता का निवाला छीननेवाले नहीं बचेंगे। नगर परिषद आयुक्त से पूरे मामले की जांच के लिए कहा गया है।
पशुओं के चारे का घोटाला करने में नंदीशाला प्रभारी सहित जितने भी कर्मचारी लिप्त होंगे, सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। घोटाले की राशि की वसुली भी इन्हीं कर्मचारियों से होगी।
नहीं हुए निलम्बन आदेश
नंदीशाला में पशुओं की मौत और चारा घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रभारी लेखाकार मदनलाल डूडी को निलम्बित करने के दावे बार-बार किए जा रहे हैं, जबकि अभी तक निलम्बन आदेश ही जारी नहीं हुए हैं। सूत्रों के अनुसार डूडी इन दिनों मेडिकल लिव पर है। जांच अधिकारी जुबेर खान ने बताया कि डूडी के निलम्बन संबंधी आदेश अभी तक उनके पास नहीं आए हैं। नंदीशाला में घोटाले की जांच प्रगति पर है।
इस बारे में मदन लाल डूडी से सम्पर्क का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल नोट रिचेबल बताया गया।
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