दफन हो गई जल संरक्षण योजना
- पैसा हजम-खेल खतम
श्रीगंगानगर। प्रदेश में पिछली भाजपा सरकार के समय चलाई गए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जिला मुख्यालय पर वर्षा जल संरक्षण के लिए बनाई गई डिग्गियां अब दफन हो रही हैं। अधिकांश स्थानों पर यह डिग्गियां अनुपयोगी होने के कारण क्षतिग्रस्त होने लगी हैं। यह योजना संबंधित विभागो के लिए पैसा हजम-खेल खतम साबित हो रही हैं। डिग्गियों का निर्माण करवाने वाले विभागों को भी इनकी उपयोगिता की जानकारी नहीं है।
वर्ष 2016-17 के दौरान मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान चलाया गया। अभियान के तहत पहले चरण में जिला मुख्यालय पर कार्यकारी एजेंसी नगर परिषद की ओर से करीब दो करोड़ रुपए से 31 स्थानों पर वर्षा जल संरक्षण के लिए 31 डिग्गियों का निर्माण करवाया गया। जिनमें जिला कलक्टे्रट परिसर, पुलिस लाईन, समाजकल्याण विभाग, नगर परिषद परिसर, गोदारा कॉलेज, यूआईटी परिसर, राजकीय महाविद्यालय परिसर, मौसम विभाग के अलावा 10 सरकारी स्कूलों में डिग्गियों का निर्माण हुआ। दूसरे चरण में कार्यकारी एजेंसी सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से 15 लाख रुपए से वार्ड नम्बर 12 में तीन स्थानों पर डिग्गियों का निर्माण करवाया गया। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद संबंधित ठेकेदार फर्मों को भुगतान भी किया जा चुका है।
करीब सवा दो करोड़ रुपए की लागत से बनी अधिकांश डिग्गियां किसी काम की नहीं है। मौसम विभाग, समाज कल्याण विभाग, नगर परिषद, राजकीय विद्यालय नम्बर 4, विद्यालय नम्बर 9, पुलिस लाइन में डिग्गियों की गुणवत्ता व उपयोगिता पर सवाल उठाए गए थे। अब अधिकांश स्थानों पर बनी डिग्गियां काम नहीं ली जा रही। तकनीकी अधिकारी इलाके में वर्षा कम होना बता रहे हैं। जबकि वर्षा के दिनों में इन डिग्गियों में जलभराव पर ध्यान ही नहीं दिया जाता। मुख्य कार्यकारी एजेंसी नगर परिषद परिसर में बनी डिग्गियां तो कबाड़ में दफन कर दी गई है।
दावा किया जा रहा है कि 10 सरकारी स्कूलों में से 9 स्कूलों में इन डिग्गियों का उपयोग पेयजल भण्डारण के लिए किया जा रहा है। जलदाय विभाग की ओर से स्कूलों को दिए गए पानी के कनैक्शन से इन डिग्गियों को जोड़ दिया गया है। इससे यह साबित होता है कि वर्षा जल संरक्षण के उद्देश्य से बनाई गई डिग्गियों का उपयोग मनमर्जी से किया जा रहा है।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत प्रथम चरण में नगर परिषद की ओर से 31 स्थानों पर डिग्गियों का निर्माण करवाया गया था। द्वितीय चरण में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने तीन स्थानों पर डिग्गियों का निर्माण करवाया। वर्तमान में इन डिग्गियों की उपयोगिता की जानकारी नहीं है। - जुबेर खान, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद
श्रीगंगानगर। प्रदेश में पिछली भाजपा सरकार के समय चलाई गए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जिला मुख्यालय पर वर्षा जल संरक्षण के लिए बनाई गई डिग्गियां अब दफन हो रही हैं। अधिकांश स्थानों पर यह डिग्गियां अनुपयोगी होने के कारण क्षतिग्रस्त होने लगी हैं। यह योजना संबंधित विभागो के लिए पैसा हजम-खेल खतम साबित हो रही हैं। डिग्गियों का निर्माण करवाने वाले विभागों को भी इनकी उपयोगिता की जानकारी नहीं है।
वर्ष 2016-17 के दौरान मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान चलाया गया। अभियान के तहत पहले चरण में जिला मुख्यालय पर कार्यकारी एजेंसी नगर परिषद की ओर से करीब दो करोड़ रुपए से 31 स्थानों पर वर्षा जल संरक्षण के लिए 31 डिग्गियों का निर्माण करवाया गया। जिनमें जिला कलक्टे्रट परिसर, पुलिस लाईन, समाजकल्याण विभाग, नगर परिषद परिसर, गोदारा कॉलेज, यूआईटी परिसर, राजकीय महाविद्यालय परिसर, मौसम विभाग के अलावा 10 सरकारी स्कूलों में डिग्गियों का निर्माण हुआ। दूसरे चरण में कार्यकारी एजेंसी सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से 15 लाख रुपए से वार्ड नम्बर 12 में तीन स्थानों पर डिग्गियों का निर्माण करवाया गया। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद संबंधित ठेकेदार फर्मों को भुगतान भी किया जा चुका है।
करीब सवा दो करोड़ रुपए की लागत से बनी अधिकांश डिग्गियां किसी काम की नहीं है। मौसम विभाग, समाज कल्याण विभाग, नगर परिषद, राजकीय विद्यालय नम्बर 4, विद्यालय नम्बर 9, पुलिस लाइन में डिग्गियों की गुणवत्ता व उपयोगिता पर सवाल उठाए गए थे। अब अधिकांश स्थानों पर बनी डिग्गियां काम नहीं ली जा रही। तकनीकी अधिकारी इलाके में वर्षा कम होना बता रहे हैं। जबकि वर्षा के दिनों में इन डिग्गियों में जलभराव पर ध्यान ही नहीं दिया जाता। मुख्य कार्यकारी एजेंसी नगर परिषद परिसर में बनी डिग्गियां तो कबाड़ में दफन कर दी गई है।
दावा किया जा रहा है कि 10 सरकारी स्कूलों में से 9 स्कूलों में इन डिग्गियों का उपयोग पेयजल भण्डारण के लिए किया जा रहा है। जलदाय विभाग की ओर से स्कूलों को दिए गए पानी के कनैक्शन से इन डिग्गियों को जोड़ दिया गया है। इससे यह साबित होता है कि वर्षा जल संरक्षण के उद्देश्य से बनाई गई डिग्गियों का उपयोग मनमर्जी से किया जा रहा है।
इनका कहना है
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत प्रथम चरण में नगर परिषद की ओर से 31 स्थानों पर डिग्गियों का निर्माण करवाया गया था। द्वितीय चरण में सार्वजनिक निर्माण विभाग ने तीन स्थानों पर डिग्गियों का निर्माण करवाया। वर्तमान में इन डिग्गियों की उपयोगिता की जानकारी नहीं है। - जुबेर खान, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद

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