सूरतगढ़ को छोड़ पूरे जिले में ब्लैक आउट
- 132 व 220 केवी लाइनों मेें फाल्ट के चलते करीब 15 घंटे ठप रही विद्युत सप्लाई
श्रीगंगानगर। घने कोहरे के कारण बड़ी विद्युत लाइनों में आए फाल्ट के चलते बीती देररात श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों की विद्युत सप्लाई ठप हो गई। हनुमानगढ़ की विद्युत सप्लाई तो रात को ही चालु कर दी गई। लेकिन श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ कस्बे को छोड़कर शेष पूरे इलाके मे ब्लैक आऊट की स्थिति रही।
जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता के.के. कस्वां ने बताया कि सूरतगढ़ ताप बिजलीघर से श्रीगंगानगर 220 केवी और पदमपुर 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन को विद्युत आपूर्ति करने वाली बड़ी टावर लाइनों (132 केवी व 220 केवी) में फाल्ट के कारण श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय, सादुलशहर, पदमपुर, श्रीकरणपुर, रायसिंहनगर, गजसिंहपुर तथा केसरीसिंहपुर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति रात करीब 1 बजे बाधित हो गई। घने कोहरे और दृश्यता कम रहने के कारण विद्युत लाइनों की पैट्रोलिंग और फाल्ट ढूंढने में समय लगा।
सुबह सूरतगढ़ तहसील के ग्राम संघर के पास 220 केवी विद्युत लाइन के इन्सुलेटर क्षतिग्रस्त होने का पताचला। तुरन्त ही तकनीकी टीम ने इन्सुलेटर बदलने का कार्य शुरू कर दिया। इसके अलावा पदमपुर से गंगानगर के बीच भी मुख्य लाइन के इन्सुलेटर पंचर मिले। यहां भी तकनीकी खराबी दूर करने का काम दोपहर तक जारी था। उन्होंने बताया कि सुबह हनुमानगढ़ से वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयास किया गया। लेकिन सफलता नहीं मिली। दोपहर सवा एक बजे जुगाड़ कर जिला मुख्यालय के कुछ इलाके में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई।
जुगाड़ से की व्यवस्था
डिस्कॉम के अधिकारियों ने बताया कि सुबह हनुमानगढ़ ग्रामीण इलाके को विद्युत सप्लाई देने वाली 132 केवी लाइन से श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर पीएचईडी, कलक्ट्रेट और जिला अस्पताल के लिए विद्युत सप्लाई की व्यवस्था का प्रयास किया गया था। कुछ ही देर में यह प्रयास फैल हो गया। दोपहर में दोबारा जुगाड़ करते हुए सप्लाई की व्यवस्था बैठाई गई। अधिकारियों के अनुसार हनुमानगढ़ से 132 केवी विद्युत सप्लाई लेकर सूरतगढ़ में इसे 220 केवी में इसे कनवर्ट करने के बाद केवल 10 मेगावाट लोड ही जिला मुख्यालय पर उपलब्ध करवाया जा सका, ताकि जलदाय विभाग, जिला अस्पताल और कलक्ट्रेट सहित जरूरी स्थानों पर कुछ देर के लिए सप्लाई दी जा सके।
सप्लाई मिलते ही उड़ी डिस्क
दोपहर करीब सवा एक बजे रामलीला मैदान पम्प हाऊस के लिए विद्युत सप्लाई मिलते ही मुख्य लाइन की डिस्क फिर से उड़ गई। सुखाडिय़ा सर्किल के पास सहायक अभियंता केके संधू व कनिष्ठ अभियंता विकास बिशनोई की टीम ने करीब आधे घंटे में तकनीकी खराबी दूर कर सप्लाई बहाल की।
इस कारण आता है फॉल्ट
जोधपुर डिस्कॉम के तकनीकी अधिकारियों के अनुसार जहां कहीं विद्युत लाइनों के पास ईंट भट्ठे या अन्य प्रदूषण पैदा करने वाली इकाइयां स्थापित रहती हैं, वहां विद्युत टावर्स के डिस्क इंसुलेटर्स पर कार्बन या अन्य पॉलूटेंट्स का लेयर जम जाता है। इस परत पर जैसे ही ओस (धुंध) की बूंदें जमा होती हैं, विद्युत करंट को पाथ मिल जाता है, जिससे स्पार्क होकर इंसुलेटर्स डैमेज हो जाते हैं। इंसुलेटर्स के डैमेज होते ही विद्युत सप्लाई बाधित हो जाती है।
श्रीगंगानगर। घने कोहरे के कारण बड़ी विद्युत लाइनों में आए फाल्ट के चलते बीती देररात श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों की विद्युत सप्लाई ठप हो गई। हनुमानगढ़ की विद्युत सप्लाई तो रात को ही चालु कर दी गई। लेकिन श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ कस्बे को छोड़कर शेष पूरे इलाके मे ब्लैक आऊट की स्थिति रही।
जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता के.के. कस्वां ने बताया कि सूरतगढ़ ताप बिजलीघर से श्रीगंगानगर 220 केवी और पदमपुर 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन को विद्युत आपूर्ति करने वाली बड़ी टावर लाइनों (132 केवी व 220 केवी) में फाल्ट के कारण श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय, सादुलशहर, पदमपुर, श्रीकरणपुर, रायसिंहनगर, गजसिंहपुर तथा केसरीसिंहपुर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति रात करीब 1 बजे बाधित हो गई। घने कोहरे और दृश्यता कम रहने के कारण विद्युत लाइनों की पैट्रोलिंग और फाल्ट ढूंढने में समय लगा।
सुबह सूरतगढ़ तहसील के ग्राम संघर के पास 220 केवी विद्युत लाइन के इन्सुलेटर क्षतिग्रस्त होने का पताचला। तुरन्त ही तकनीकी टीम ने इन्सुलेटर बदलने का कार्य शुरू कर दिया। इसके अलावा पदमपुर से गंगानगर के बीच भी मुख्य लाइन के इन्सुलेटर पंचर मिले। यहां भी तकनीकी खराबी दूर करने का काम दोपहर तक जारी था। उन्होंने बताया कि सुबह हनुमानगढ़ से वैकल्पिक व्यवस्था का प्रयास किया गया। लेकिन सफलता नहीं मिली। दोपहर सवा एक बजे जुगाड़ कर जिला मुख्यालय के कुछ इलाके में विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था की गई।
जुगाड़ से की व्यवस्था
डिस्कॉम के अधिकारियों ने बताया कि सुबह हनुमानगढ़ ग्रामीण इलाके को विद्युत सप्लाई देने वाली 132 केवी लाइन से श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय पर पीएचईडी, कलक्ट्रेट और जिला अस्पताल के लिए विद्युत सप्लाई की व्यवस्था का प्रयास किया गया था। कुछ ही देर में यह प्रयास फैल हो गया। दोपहर में दोबारा जुगाड़ करते हुए सप्लाई की व्यवस्था बैठाई गई। अधिकारियों के अनुसार हनुमानगढ़ से 132 केवी विद्युत सप्लाई लेकर सूरतगढ़ में इसे 220 केवी में इसे कनवर्ट करने के बाद केवल 10 मेगावाट लोड ही जिला मुख्यालय पर उपलब्ध करवाया जा सका, ताकि जलदाय विभाग, जिला अस्पताल और कलक्ट्रेट सहित जरूरी स्थानों पर कुछ देर के लिए सप्लाई दी जा सके।
सप्लाई मिलते ही उड़ी डिस्क
दोपहर करीब सवा एक बजे रामलीला मैदान पम्प हाऊस के लिए विद्युत सप्लाई मिलते ही मुख्य लाइन की डिस्क फिर से उड़ गई। सुखाडिय़ा सर्किल के पास सहायक अभियंता केके संधू व कनिष्ठ अभियंता विकास बिशनोई की टीम ने करीब आधे घंटे में तकनीकी खराबी दूर कर सप्लाई बहाल की।
इस कारण आता है फॉल्ट
जोधपुर डिस्कॉम के तकनीकी अधिकारियों के अनुसार जहां कहीं विद्युत लाइनों के पास ईंट भट्ठे या अन्य प्रदूषण पैदा करने वाली इकाइयां स्थापित रहती हैं, वहां विद्युत टावर्स के डिस्क इंसुलेटर्स पर कार्बन या अन्य पॉलूटेंट्स का लेयर जम जाता है। इस परत पर जैसे ही ओस (धुंध) की बूंदें जमा होती हैं, विद्युत करंट को पाथ मिल जाता है, जिससे स्पार्क होकर इंसुलेटर्स डैमेज हो जाते हैं। इंसुलेटर्स के डैमेज होते ही विद्युत सप्लाई बाधित हो जाती है।
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