श्रीगंगानगर के राजकीय अस्पताल में जन्मा 5 किलो वजनी बच्चा
- अस्वस्थ होने पर रात में किया बीकानेर रैफर
श्रीगंगानगर। जिला राजकीय चिकित्सालय में बुधवार शाम को एक महिला ने करीब 5 किलो वजनी बच्चे को जन्म दिया। निकटवर्ती गांव नेतेवाला निवासी संतोष कुमार की पत्नी श्रीमती मंजू को जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। बाद में चिकित्सालय की टीम के अथक प्रयासों से 4 किलो 9 सौ ग्राम वजनी बच्चे का जन्म हुआ। नवजात को थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन डॉक्टर्स ने संभाल लिया।
खास बात यह रही कि इस शिशु का जन्म नॉर्मल डिलीवरी से हुआ। डिलीवरी कराने में जुटी टीम को डिलीवरी के वक्त थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा था। डिलीवरी के बाद बच्चे को सांस नहीं आ रही थी, लेकिन चिकित्सा टीम ने अथक प्रयासों से बच्चा सांस लेने लगा। बच्चे को राजकीय चिकित्सालय की शिशु नर्सरी के रेडिएंट वार्मर में ऑब्जरवेशन में रखा गया, लेकिन देर रात बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से उसे बीकानर रैफर कर दिया गया। पीएमओ डॉ. पवन सैनी ने बताया कि जन्म के समय बच्चा ठीक था, लेकिन बाद में परेशानी हुई तो उसे बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल के लिए रैफर कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इसी जिला चिकित्सालय में इससे पूर्व 30 सितंबर 2015 को सूरतगढ़ के गांव मानेवाला निवासी गोगा बाई पत्नी रविंद्र सिंह की सिजेरियन डिलीवरी में 6 किलो वजन का बच्चा पैदा हुआ था। प्रसूता गोगा बाई का वजन उस वक्त 100 किलो था। डॉक्टरों का कहना कि आमतौर पर सामान्य नवजात शिशु का वजन दो अढ़ाई किलो के बीच रहता है।
श्रीगंगानगर। जिला राजकीय चिकित्सालय में बुधवार शाम को एक महिला ने करीब 5 किलो वजनी बच्चे को जन्म दिया। निकटवर्ती गांव नेतेवाला निवासी संतोष कुमार की पत्नी श्रीमती मंजू को जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। बाद में चिकित्सालय की टीम के अथक प्रयासों से 4 किलो 9 सौ ग्राम वजनी बच्चे का जन्म हुआ। नवजात को थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन डॉक्टर्स ने संभाल लिया।
खास बात यह रही कि इस शिशु का जन्म नॉर्मल डिलीवरी से हुआ। डिलीवरी कराने में जुटी टीम को डिलीवरी के वक्त थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा था। डिलीवरी के बाद बच्चे को सांस नहीं आ रही थी, लेकिन चिकित्सा टीम ने अथक प्रयासों से बच्चा सांस लेने लगा। बच्चे को राजकीय चिकित्सालय की शिशु नर्सरी के रेडिएंट वार्मर में ऑब्जरवेशन में रखा गया, लेकिन देर रात बच्चे का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से उसे बीकानर रैफर कर दिया गया। पीएमओ डॉ. पवन सैनी ने बताया कि जन्म के समय बच्चा ठीक था, लेकिन बाद में परेशानी हुई तो उसे बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल के लिए रैफर कर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि इसी जिला चिकित्सालय में इससे पूर्व 30 सितंबर 2015 को सूरतगढ़ के गांव मानेवाला निवासी गोगा बाई पत्नी रविंद्र सिंह की सिजेरियन डिलीवरी में 6 किलो वजन का बच्चा पैदा हुआ था। प्रसूता गोगा बाई का वजन उस वक्त 100 किलो था। डॉक्टरों का कहना कि आमतौर पर सामान्य नवजात शिशु का वजन दो अढ़ाई किलो के बीच रहता है।
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