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कलकत्ता हाईकोर्ट ने नहीं दी 26 हफ्ते के भ्रूण को गिराने की अनुमति

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक महिला को उसके 26 हफ्ते के भ्रूण को गिराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। महिला ने भ्रूण में संभावित विकार होने पर गर्भपात की अनुमति मांगी थी। न्यायाधीश तपब्रत चक्रवर्ती ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में पाया कि भ्रूण पूरी तरह से विकसित हो गया है और गर्भावस्था जारी रखने पर याची महिला की जान को कोई खतरा नहीं है। सरकारी एसएसकेएम अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट उच्च न्यायालय को बताया कि अगर शिशु को समय से जन्म दिया जाए तो शिशु की स्थिति बेहतर हो सकती है।

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