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कृषक गोष्ठी में दी कपास फसल में गुलाबी सुण्डी प्रबंधन की जानकारी

कृषि विभाग श्रीगंगानगर की ओर से सोमवार को गांव 5 जी छोटी सहारणावाला में कृषकों को कपास फसल में गुलाबी सुण्डी प्रबंधन की जानकारी देने के लिए कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इसमें सहायक कृषि अधिकारी श्रीगंगानगर 'एÓ अशोक कुमार कलवानियां ने कृषकों को गुलाबी सुण्डी कीट की पहचान तथा नुकसान पहुंचाने के तरीके के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अपने क्षेत्र में गुलाबी सुण्डी का एक विशेष प्रकार का जीवन चक्र पाया जाता है, जिसे शीत निष्क्रियता (डायपॉज) कहा जाता है। इसमें लार्वा फल कटने के बाद लकडिय़ों के ढेर या फिर भण्डारित कपास के दो बीजों को आपस में जोडकऱ छुप जाता है। दिसम्बर व जनवरी माह में तापमान बहुत कम होने पर लार्वा सक्रिय होकर प्यूपा अवस्था में चला जाता है। इस प्रकार गुलाबी सुण्डी का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

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