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बिना आंतरिक मूल्यांकन के ही परीक्षा में बैठाया

660 छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में
उच्च शिक्षा के मंदिर में कानून की डिग्री देने वालों ने ही कानून की पालना नहीं की। राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि कॉलेज में सत्र 2024-25 में तीन वर्षीय लॉ के प्रथम सेमेस्टर में आंतरिक मूल्यांकन के बिना ही सीधे ही मुख्य परीक्षा में बैठा दिया। ऐसे में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते 660 छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में आ गया है। नियमों की पालना नहीं करने पर अब परीक्षा परिणाम जारी करने पर भी संकट खड़ा हो गया है। मामला सामने आने के बाद अधिकारियों के होश उड़े है। संबंधित अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ रहे है कि विधि में एनईपी-2020 पॉलिसी लागू नहीं होती।

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