हमारी अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया, प्रयागराज में मकान ढहाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार और प्रयागराज विकास प्राधिकरण की खिंचाई की। कोर्ट ने शहर में मकान ढहाने को अमानवीय और अवैध बताया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अमानवीय तरीके से की गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि देश में कानून का शासन है और नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से नहीं ढहाया जा सकता। पीठ ने कहा, 'इसने हमारी अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है। आश्रय का अधिकार, कानून की उचित प्रक्रिया जैसी कोई चीज होती है।Ó
इसके बाद शीर्ष अदालत ने प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह छह हफ्ते के अंदर मकान मालिकों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दे।
इसके बाद शीर्ष अदालत ने प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वह छह हफ्ते के अंदर मकान मालिकों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दे।
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