चहुं ओर गूंजा, 'जय हनुमान ज्ञान गुण सागर
श्रीगंगानगर में पवन पुत्र, अंजनि सुत, मारुति नंदन, केसरी नंदन न जाने ऐसे कितने ही नामों से भक्तों के मन में बसने वाले वीर बजरंग बली का जन्मदिन शनिवार को हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। घरों और शहर के मंदिरों में बजरंगी को सिंदूर का चोला चढ़ाकर आरती की गई। कहीं अखंड रामचरित मानस पाठ हुए तो कहीं सुंदरकांड के पाठ के जरिए भक्तों के दुख नाश के लिए बजरंग बली का आह्वान किया गया।
बालाजी धाम में चूरमे का पर्वत
बालाजी धाम में तो जैसे चूरमे का पर्वत ही सजा दिया गया। यहां चूरमे की पौने दो सौ से ज्यादा सवामणी का भोग लगाया गया। पिछले करीब दस दिन से कारीगर बजरंग बली का यह प्रसाद तैयार करने में जुटे थे। प्रसाद मंदिर के ऊपर के हिस्से में तैयार किया गया। यहां कारीगर ने पहले रोट बनाए और फिर इन्हें बारीक पीसकर इनमें मेवा, चीनी और घी का पर्याप्त मिश्रण मिलाकर इसे बालाजी को भोग लगाया। मंदिर के ऊपरी हिस्से में बने विशेष रास्ते से इस चूरमे को मंदिर तक पहुंचाया गया।
बालाजी धाम में चूरमे का पर्वत
बालाजी धाम में तो जैसे चूरमे का पर्वत ही सजा दिया गया। यहां चूरमे की पौने दो सौ से ज्यादा सवामणी का भोग लगाया गया। पिछले करीब दस दिन से कारीगर बजरंग बली का यह प्रसाद तैयार करने में जुटे थे। प्रसाद मंदिर के ऊपर के हिस्से में तैयार किया गया। यहां कारीगर ने पहले रोट बनाए और फिर इन्हें बारीक पीसकर इनमें मेवा, चीनी और घी का पर्याप्त मिश्रण मिलाकर इसे बालाजी को भोग लगाया। मंदिर के ऊपरी हिस्से में बने विशेष रास्ते से इस चूरमे को मंदिर तक पहुंचाया गया।
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