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हाईकोर्ट का आदेश: अकेले निजी व्यक्ति के खिलाफ नहीं चलाया जा सकता धारा 7ए का मामला

राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7ए के तहत किसी निजी व्यक्ति के खिलाफ  तब तक मामला नहीं चलाया जा सकता, जब तक उस मामले में किसी लोक सेवक की संलिप्तता या सह आरोपी की भूमिका ना हो. इसके साथ ही अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ  एसीबी कोर्ट, जयपुर में लंबित आपराधिक कार्रवाई को रद्द कर दिया है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश प्रमोद शर्मा की आपराधिक याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एसीबी प्रकरण में तत्कालीन भरतपुर रेंज डीआईजी लक्ष्मण गौड़ की संलिप्तता से इनकार करते हुए एफआर पेश कर चुकी है. वहीं, प्रकरण में याचिकाकर्ता निजी व्यक्ति के अलावा अन्य कोई लोक सेवक शामिल नहीं है. ऐसे में केवल एक निजी व्यक्ति के खिलाफ धारा 7ए के तहत मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.

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