इसरो ने स्टेशनरी प्लाज्मा थ्रस्टर का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया, सेटेलाइट की क्षमता बढ़ेगी, मिशन का लागत कम होगा
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 300 मिली (मिलिन्यूटन) स्टेशनरी प्लाज्मा थ्रस्टर का सफल परीक्षण किया है। 300 मिली न्यूटन के प्लाज्मा भ्रस्टर ने एक हजार घंटे का परीक्षण पूरा कर लिया है। ये प्लाज्मा थ्रस्टर सैटेलाइट्स के इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन में इस्तेमाल करने के लिए विकसित किए गए हैं।
प्लाज्मा थ्रस्टर के इस्तेमाल से संचार उपग्रहों की ट्रांसपोंडर क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी और इससे मिशन में लगने वाली लागत भी कम होगी। इसरो ने बताया है कि सेमीक्रायोजेनिक इंजन या फिर लिक्विड ऑक्सीजन/कीरोसेन इंजन में 2000 किलोन्यूटन हाई थ्रस्ट है, जो इंजन को एलवीएम-3 को लॉन्च करने की ताकत देगा।
प्लाज्मा थ्रस्टर के इस्तेमाल से संचार उपग्रहों की ट्रांसपोंडर क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी और इससे मिशन में लगने वाली लागत भी कम होगी। इसरो ने बताया है कि सेमीक्रायोजेनिक इंजन या फिर लिक्विड ऑक्सीजन/कीरोसेन इंजन में 2000 किलोन्यूटन हाई थ्रस्ट है, जो इंजन को एलवीएम-3 को लॉन्च करने की ताकत देगा।
No comments