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नाचणा से सत्तावन मजदूरों को लेकर गंगानगर पहुंची प्राइवेट बस

-पुलिस ने रोका, जांच के बाद किया रवाना
श्रीगंगानगर। प्रदेश के दूरस्थ हिस्सों में मेहनत-मजदूरी करने गए मजदूरों का लॉकडाउन की वजह से अपने घर लौटने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार सुबह मजदूरों से भरी एक प्राइवेट बस सूरतगढ़ बाइपास पहुंंची। इसमें तकरीबन सत्तावन से अधिक सवार थे। नाके पर कार्यरत पुलिसकर्मियों ने बस को रोका और मजदूरों की जांच करवाने के बाद इन्हें गंतव्य स्थल के लिए रवाना कर दिया।
नाके पर कार्यरत पुलिसकर्मी दर्शन सिंह ने बताया कि आज सुबह सूरतगढ़ बाइपास से प्राइवेट बस (आरजे 07 पीए-3017) गुजरी। पूछताछ के लिए इसे रोका तो इसमें श्रीगंगानगर की 31 और आसपास के क्षेत्रों की 26 सवारियां मौजूद थीं। बस चालक ने बताया कि सभी सवारियां मजदूर हैं, जो जैसलमेर जिले के गांवों, कस्बों में काम करने के लिए गए थे। लॉकडाउन की वजह से कामकाज बंद है, जिसके चलते ये लोग अब वहां से वापिस अपने घरों को लौट रहे हैं। नाचणा सहित आसपास के क्षेत्रों से आए ये मजूदर गंगानगर जिले के अलग-अलग गांवों के रहने वाले हैं।
दर्शन सिंह के अनुसार इनमें से कुछ कैरी, कालियां, बकैण सहित आसपास गांवों के निवासी हैं। नाचणा सहित अन्य जगहों से आए मजदूर परमिशन लेकर आए हैं। साथ ही इनकी वहां भी स्वास्थ्य जांच हुई थी। आज सुबह गंगानगर पहुंचने पर इनकी फिर से जांच करवाई गई। खाना खाने के बाद उक्त बस इन लोगों को लेकर गांवों की ओर रवाना हो गई। बताया जा रहा है कि इनमें से कुछ मजदूर जिले के सीमावर्ती पंजाब क्षेत्र के भी रहने वाले हैं।
मदद को आगे आए कोरोना रक्षक
पूछताछ के बाद स्क्रीनिंग चैक पोस्ट पर तैनात मेडिकल टीम ने मजदूरों की जांच की। आयुर्वेद चिकित्सक दलीप कुमार, वेदप्रकाश, मोहनलाल पूनिया ने जांच के साथ सबका नाम-पता नोट किया। बस में मौजूद लोगों के भूखा होने की जानकारी मिलने पर टीम ने मानव धर्म निभाते हुए सभी के लिए राधा स्वामी डेरे से व्यवस्था कर चाय नाश्ता भी करवाया। टीम कर्मचारियों ने बताया कि उनके पास ज्यादा संसाधन तो उपलब्ध नहीं हैं लेकिन सभी लोग मिल कर हर आने-जाने वाले की जांच के साथ-साथ भोजन-नाश्ते की व्यवस्था कर रहे हैं।

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