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बारिश के पानी से सड़कें छलनी

-दूसरे दिन भी नहीं हुई जल निकासी, जनता परेशान
श्रीगंगानगर। गत दिवस हुई बरसात के पानी की निकासी समय पर नहीं होने से शहर के मुख्य मार्गों सहित अधिकांश सड़कें छलनी हो गई हैं। दूसरे दिन भी जल निकासी नहीं होने से लोग इन क्षतिग्रस्त सड़कों के गड्ढों में गिरते पड़ते घायल हो रहे हैं। वहीं नगर परिषद व नगर विकास में निर्माण कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार भी सड़क के गड्ढों के रूप में सामने आ गया है। हनुमानगढ़ मार्ग पर कुछ दिन पहले यूआईटी के करवाया गया पैचवर्क बरसात के पानी में बह गया है। ऐसा ही हाल नगर परिषद क्षेत्र में सड़कों का हुआ है।
रविन्द्र पथ पर एक तरफ सड़क पर पानी भरा है, तो दूसरी तरफ क्षतिग्रस्त सड़क वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनी है। इसी तरह स्वामी दयानंद मार्ग, एच ब्लॉक, एफ ब्लॉक, जी ब्लॉक में मुख्य मार्गों पर कहीं पानी तो कहीं सड़कों पर गड्ढे नजर आ रहे हैं। आदर्श पार्क के पास सीसी रोड, आचार्य तुलसी मार्ग व सेतिया कॉलोनी मुख्य मार्ग की सड़कें तो अनेक जगह से पूरी तरह बिखर गई हैं।
जिन कॉलोनियों में सीवरेज के बाद सड़कों का निर्माण हुआ था, वे सभी सड़कें घटिया निर्माण के कारण बरसात के साथ उधड़ गई हैं। आरयूआईडीपी की निगरानी में सीवरेज पर बनी पावन धाम रोड, बसंती चौक से सांई बाबा मन्दिर को जाने वाले मुख्य मार्गों पर ऐसे ही हालात देखे जा सकते हैं।
दूसरी ओर शहर की जल निकासी व्यवस्था को लेकर नगर परिषद प्रशासन ने सक्रियता का दावा किया है। शनिवार को परिषद के कार्यवाहक आयुक्त लाजपत बिश्नोई, स्वास्थ्य अधिकारी गौतम लाल, सहायक अभियन्ता अमनदीप कौर एवं अन्य कार्मिकों ने शहर का भ्रमण कर जल निकासी के प्रबंधों को देखा। इस दौरान शहर में कुछ जगह (ट्रक यूनियन पुलिया, रविन्द्र पथ, एल ब्लॉक) में बरसाती पानी देख कर स्टोर कीपर व गैराज प्रभारी को अपने संसाधनों से पानी निकासी करवाने के लिए निर्देशित किया गया। जल निकासी के लिए गड्ढों पर सभी मोटरें सुचारू रूप से चलाने के निर्देश दिए।
अधिकारी-कर्मचारी पाबंद
कार्यवाहक आयुक्त लाजपत बिश्रोई ने बताया कि पुन: बरसात  की आशंका को देखते हुए परिषद् में कार्यरत कार्मिकों को बिना स्वीकृति के अवकाश पर नहीं रहने, मुख्यालय नहीं छोडऩे, अपना मोबाइल फोन स्विच ऑन रखने तथा वर्षा के दौरान पानी निकासी संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर उसका तुरन्त प्रभाव से निस्तारण करने के लिए पाबन्द किया गया है। तकनीकी अधिकारी एवं सफाई स्टाफ  को पाबन्द कर दिया गया है कि वे अपने अधीन वार्डों में वर्षा के दौरान मौका निरीक्षण करेंगे एवं पानी निकासी तुरन्त प्रभाव से करवाएंगे।

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