श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों को मिलेगा जरूरत के हिसाब से पीने का पानी
-इंदिरा गांधी नहर में 70 दिन की बंदी लगभग तय, 40 दिन मिलता रहेगा पेयजल
श्रीगंगानगर। इंदिरा गांधी नहर की 70 दिन की नहरबंदी अब लगभग तय मानी जा रही है। एक सप्ताह पूर्व मुख्य सचिव ने पीएचईडी और आईजीएनपी अभियंताओं से पूरा प्लान तैयार करने के लिए कहा था। जल संसाधन विभाग के रेग्युलेशन विंग ने पीएचईडी अभियंताओं के साथ बीकानेर में बैठक करके नहरबंदी के दौरान कहां-कहां कितना पानी देना है इस पर चर्चा की है। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों समेत विभिन्न जिलों की जलदाय योजनाओं को जरूरत के हिसाब से पानी दिया जाएगा।
बैठक में ये भी तय हुआ है कि 70 दिन की नहरबंदी के दौरान शुरू के 40 दिन लगातार पीने के लिए नहर से पानी मिलता रहेगा लेकिन शेष 30 दिन पूरी तरह पानी बंद रहेगा। वैसे भी हर साल 30 दिन की नहरबंदी के दौरान पीएचईडी को नहर से पानी नहीं मिलता लेकिन जल भंडारण काम चलाया जाता है। 70 दिन की नहरबंदी के दौरान भी यही रास्ता निकाला गया है।
प्राप्त जानकारीक े अनुसार नहरबंदी के शुरूआती 40 दिनों में नहर में दो से ढाई हजार क्यूसेक पानी दिया जाता रहेगा। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, सीकर, चूरू और झुंझूनंू जिलों की जलदाय योजनाओं को जरूरत के हिसाब से पानी दिया जाएगा। अंत के 30 दिन के दौरान सारे जलाशय भरकर 30 दिन के लिए पूरी तरह पानी बंद कर दिया जाएगा ताकि नहर की मरम्मत हो सके।
श्रीगंगानगर। इंदिरा गांधी नहर की 70 दिन की नहरबंदी अब लगभग तय मानी जा रही है। एक सप्ताह पूर्व मुख्य सचिव ने पीएचईडी और आईजीएनपी अभियंताओं से पूरा प्लान तैयार करने के लिए कहा था। जल संसाधन विभाग के रेग्युलेशन विंग ने पीएचईडी अभियंताओं के साथ बीकानेर में बैठक करके नहरबंदी के दौरान कहां-कहां कितना पानी देना है इस पर चर्चा की है। श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों समेत विभिन्न जिलों की जलदाय योजनाओं को जरूरत के हिसाब से पानी दिया जाएगा।
बैठक में ये भी तय हुआ है कि 70 दिन की नहरबंदी के दौरान शुरू के 40 दिन लगातार पीने के लिए नहर से पानी मिलता रहेगा लेकिन शेष 30 दिन पूरी तरह पानी बंद रहेगा। वैसे भी हर साल 30 दिन की नहरबंदी के दौरान पीएचईडी को नहर से पानी नहीं मिलता लेकिन जल भंडारण काम चलाया जाता है। 70 दिन की नहरबंदी के दौरान भी यही रास्ता निकाला गया है।
प्राप्त जानकारीक े अनुसार नहरबंदी के शुरूआती 40 दिनों में नहर में दो से ढाई हजार क्यूसेक पानी दिया जाता रहेगा। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, सीकर, चूरू और झुंझूनंू जिलों की जलदाय योजनाओं को जरूरत के हिसाब से पानी दिया जाएगा। अंत के 30 दिन के दौरान सारे जलाशय भरकर 30 दिन के लिए पूरी तरह पानी बंद कर दिया जाएगा ताकि नहर की मरम्मत हो सके।
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