बीडी अग्रवाल ने फीसवृद्धि का आरोप लगाया, भाजपा ने कागजी बयान बताया, विधायक ने कहा-नियमानुसार होगा काम
- फिर गरमाया मेडिकल कॉलेज का मुद्दा
- अग्रवाल ने कहा मुझे कोई ऐतराज नहीं
श्रीगंगानगर। सरकारी मेडिकल कॉलेज का निर्माण अप्रेल में शुरू होने की खबरें समाचारों में आने के बाद एक बार फिर राजनीति गरमाने लगी है। इसे लेकर जहां एक तरफ मेडिकल कॉलेज के लिए एमओयू करने वाले दानदाता बीडी अग्रवाल ने फीस वृद्धि का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने इसे कागजी बयान बताया है। इसके विपरीत विधायक राजकुमार गौड़ का कहना है कि इससे जनता की मांग पूरी होगी और लोगों को राहत मिलेगी।
बीडी अग्रवाल ने बुधवार को जारी में बयान में कहा कि यदि राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज बनाती है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। परंतु प्रारूप को बदलने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर उन्होंने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि हमने और इलाके की जनता ने जिस सरकारी मेडिकल कॉलेज की कल्पना को मूर्त रूप देने का जो काम किया था, जिसमें मामूली सी फीस 2250 रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से कुल पांच वर्ष में 11250 रुपए में डॉक्टर बन सकता था, उसे अब सरकार इसे लाभदायक पेशा बनाने के लिये राजस्थान मेडिकल सोसायटी में समाहित करके ऊंची फीस वसूल करने की योजना बना रही है। इसलिए मजबूरन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है और कोर्ट ने स्टे दे रखा है। अग्रवाल ने कहा उन्होंने राज्य सरकार के साथ सरकारी मेडिकल कॉलेज का जो एमओयू हस्ताक्षरित किया था, वह पूर्ण रूप से सरकारी था, जिसमें बच्चों से सालाना फीस के रूप में मात्र 2250 रुपए लिए जाने थे और इलाज मुफ्त मिलना तय हुआ था। परन्तु अब जो इसका प्रारूप बदला जा रहा है, उससे इसमें पढऩे वाले बच्चों से अब पूर्ण पाठ्यक्रम के 11250 रुपए फीस के स्थान पर भारी-भरकम 45 से 70 लाख रुपए वसूले जाएंगे, जबकि वर्तमान जनप्रतिनिधि इस सम्बंध में चुप्पी साधे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने कार्यकारी एजेंसी आरएसआरडीसीसी लिमिटेड जयपुर को अधिकृत किया है। इस एजेंसी को केन्द्रीय प्रवर्तित योजना फेज 3 के तहत श्रीगंगानगर सहित तीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण और जिला अस्पताल उन्नयन कार्य के लिए कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया है। एमओए की शर्त निर्धारित होने पर वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। अप्रेल के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में इस कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ ने मेडिकल कॉलेज के लिए काफी प्रयास किए थे। उन्होंने एसबीटी से बात करते हुए कहा कि दानदाता से हुए एमओयू में भवन बनाकर सरकार के सुपुर्द करने की बात थी, फीस की कोई बात नहीं थी। अब जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। गौड़ ने स्पष्ट किया कि अब सरकारी मेडिकल कॉलेज बनेगा और उसमें सरकार के वही नियम लागू होंगे, जो राजस्थान में अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेज में लागू हैं।
इसके विपरीत पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी रही विनीता आहुजा ने कहा कि श्रीगंगानगर मेडिकल कॉलेज के नाम पर श्रीगंगानगर के जनप्रतिनिधियों ने जनता के साथ अनेक बार छल किया है। मेडिकल कालेज निर्माण के बारे में सब्जबाग दिखाकर अपना उल्लू सीधा किया है।
- अग्रवाल ने कहा मुझे कोई ऐतराज नहीं
श्रीगंगानगर। सरकारी मेडिकल कॉलेज का निर्माण अप्रेल में शुरू होने की खबरें समाचारों में आने के बाद एक बार फिर राजनीति गरमाने लगी है। इसे लेकर जहां एक तरफ मेडिकल कॉलेज के लिए एमओयू करने वाले दानदाता बीडी अग्रवाल ने फीस वृद्धि का आरोप लगाया है, वहीं भाजपा ने इसे कागजी बयान बताया है। इसके विपरीत विधायक राजकुमार गौड़ का कहना है कि इससे जनता की मांग पूरी होगी और लोगों को राहत मिलेगी।
बीडी अग्रवाल ने बुधवार को जारी में बयान में कहा कि यदि राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज बनाती है तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। परंतु प्रारूप को बदलने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर उन्होंने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि हमने और इलाके की जनता ने जिस सरकारी मेडिकल कॉलेज की कल्पना को मूर्त रूप देने का जो काम किया था, जिसमें मामूली सी फीस 2250 रुपए प्रतिवर्ष के हिसाब से कुल पांच वर्ष में 11250 रुपए में डॉक्टर बन सकता था, उसे अब सरकार इसे लाभदायक पेशा बनाने के लिये राजस्थान मेडिकल सोसायटी में समाहित करके ऊंची फीस वसूल करने की योजना बना रही है। इसलिए मजबूरन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है और कोर्ट ने स्टे दे रखा है। अग्रवाल ने कहा उन्होंने राज्य सरकार के साथ सरकारी मेडिकल कॉलेज का जो एमओयू हस्ताक्षरित किया था, वह पूर्ण रूप से सरकारी था, जिसमें बच्चों से सालाना फीस के रूप में मात्र 2250 रुपए लिए जाने थे और इलाज मुफ्त मिलना तय हुआ था। परन्तु अब जो इसका प्रारूप बदला जा रहा है, उससे इसमें पढऩे वाले बच्चों से अब पूर्ण पाठ्यक्रम के 11250 रुपए फीस के स्थान पर भारी-भरकम 45 से 70 लाख रुपए वसूले जाएंगे, जबकि वर्तमान जनप्रतिनिधि इस सम्बंध में चुप्पी साधे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने कार्यकारी एजेंसी आरएसआरडीसीसी लिमिटेड जयपुर को अधिकृत किया है। इस एजेंसी को केन्द्रीय प्रवर्तित योजना फेज 3 के तहत श्रीगंगानगर सहित तीन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण और जिला अस्पताल उन्नयन कार्य के लिए कार्यकारी एजेंसी नियुक्त किया है। एमओए की शर्त निर्धारित होने पर वर्क ऑर्डर जारी किए जाएंगे। अप्रेल के प्रथम या द्वितीय सप्ताह में इस कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ ने मेडिकल कॉलेज के लिए काफी प्रयास किए थे। उन्होंने एसबीटी से बात करते हुए कहा कि दानदाता से हुए एमओयू में भवन बनाकर सरकार के सुपुर्द करने की बात थी, फीस की कोई बात नहीं थी। अब जनता को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है। गौड़ ने स्पष्ट किया कि अब सरकारी मेडिकल कॉलेज बनेगा और उसमें सरकार के वही नियम लागू होंगे, जो राजस्थान में अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेज में लागू हैं।
इसके विपरीत पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी रही विनीता आहुजा ने कहा कि श्रीगंगानगर मेडिकल कॉलेज के नाम पर श्रीगंगानगर के जनप्रतिनिधियों ने जनता के साथ अनेक बार छल किया है। मेडिकल कालेज निर्माण के बारे में सब्जबाग दिखाकर अपना उल्लू सीधा किया है।
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