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श्रीगंगानगर के लोगों ने राज्य बजट पर कहा-थोड़ा है...थोड़े की जरूरत है

- बजट प्रतिक्रिया...कुछ ने कहा खास तो कुछ के समझ से परे
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा गुरुवार 20 फरवरी को पेश राज्य बजट को श्रीगंगानगर के कुछ लोगों ने सराहा तो कईयों ने इसे उम्मीद के अनुरूप नहीं बताया। घोषणाओं में श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ का जिक्र कुछ बार हुआ। मेडिकल कॉलेज व कृषि क्षेत्रों को लेकर श्रीगंगानगर को कोई जमीनी स्तर पर ठोस घोषणा की जरूरत थी, लेकिन वहीं पुरानी बातों को दोहराने वाली स्थिति देखने को मिली। मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार ने 40 फीसद खर्च करने की बात कही। वहीं कृषि सिंचिंत क्षेत्र को विकसित करने की घोषणा भी की।
विधायक राजकुमार गौड़ का कहना है कि राज्य सरकार ने सभी वर्गों का ख्याल रखते हुए बजट पेश किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में सबसे पहले श्रीगंगानगर का नाम लिया है। उन्होंने कहा भूमि चिन्हित हो चुकी है और राज्य सरकार मेडिकल कॉलेज के सुचारू संचालन के लिए भी पूर्ण रूप से काम करेगी। विधायक ने कहा कि किसानों का सिंचिंत क्षेत्र बढऩे से इलाके को फायदा होगा। वहीं श्री गुरुनानकदेव जी के प्रकाश पर्व के तहत योजनान्तर्गत विकास के काम होंगे। इसके अलावा भी राज्य में समान रूप से घोषणाएं की हैं।
भाजपा की वरिष्ठ नेत्री विनीता आहूजा ने राज्य बजट को उम्मीदों के अनुरूप नहीं बताया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज को लेकर वही पुरानी बातेें दोहराई जा रही हैं। जमीनी स्तर पर मेडिकल कॉलेज के लिए काम होना चाहिए। सीएम ने कहीं भी बारीकी से चीजों को स्पष्ट नहीं किया। वहीं भर्ती की घोषणाएं करने की बात कही। एक बात समझ से परे है कि घोषणाएं पहले से हो रखी हैं, लेकिन सिलेबस, परीक्षा भर्ती किस तारीख तक संपन्न हो जाएगी, यह नहीं बताया जाता।
यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष संजय महिपाल ने कहा कि यह हल्का बजट है। नया काम और प्लानिंग जैसे चीज नहीं है। यह बजट मात्र भाषण पढऩे जैसा था, असल में बजट में कुछ नहीं है। पुरानी घोषणाओं को दोहराते हुए खुद की सरकार को बखान किया और केंद्र को कोसा गया, यह उचित नहीं है।
व्यापारी नेता, दी गंगानगर टे्रडर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रमेश खदरिया ने बताया कि जीएसटी 2017 में आया। तब यह कहा गया कि वन नेशन-वन टैक्स पर जीएसटी आधारित है और राज्य सेस को खत्म कर देंगे, लेकिन अब राज्य सरकार सेस को खत्म नहीं कर रही। ऐसे में मंडी टैक्स को लेकर किसान व व्यापारी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। एक बार टैक्स देना उचित है, लेकिन दो जगह से टैक्स..समझ से परे। राज्य सरकार से सेस घोषणा को लेकर बहुत उम्मीद थी।
भारती चैरीटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी श्याम जैन ने 25000 सोलर पम्प लगाने की घोषणा को अच्छा बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि यह तभी फायदेमंद है, जब सब्सिडी दी जाए। वहीं 100 करोड़ रुपए प्रदेशभर के लिए निरोगी राजस्थान के तहत दिए जाएंगे, योजना तो अच्छी है, लेकिन राशि काफी कम है।
संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष तरसेम गुप्ता ने कहा कि बिजली की बढ़ी दरों को लेकर सीएम को कुछ राहत देनी चाहिए थी वहीं नव निर्माण पर 1 प्रतिशत उपकर श्रम विभाग लेती है, जिसे वापस लेना चाहिए था। यह बड़े इश्यू हैं, लेकिन सरकार ने इस पर कुछ नहीं किया।
एडवोकेट शिवशंकर मित्तल ने वैट के मामले में सरकार द्वारा कोई घोषणा नहीं करने पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बाकी राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल-डीजल महंगा है। वैट में निर्णय लेकर राज्य सरकार इन दरों को कम कर सकती थी।
नागपाल इलेक्ट्रोनिक्स के सोनू नागपाल ने बजट को साधारण बताया। उन्होंने कहा कि टैक्स को लेकर बाजार में क्या प्रभाव पड़ेगा, इसके लिए बारीकी से बजट घोषणा का विश्लेषण करना होगा।

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