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कांग्रेस में एक बार फिर नियुक्त होंगे समन्वयक

- फिर से लौटेगा राजीव गांधी के समय वाला सिस्टम
श्रीगंगानगर। करीब तीन दशक बाद कांग्रेस एक बार फिर पार्टी की मजबूती के लिए समन्वयकों की नियुक्ति करेगी। समन्वयकों की नियुक्ति जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक की जाएगी। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी ने कांग्रेस की मजबूती के लिए जिला स्तर पर समन्वयकों  की नियुक्ति की थी, लेकिन बाद में यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई। अब कांग्रेस एक बार फिर राजीव गांधी मॉडल को अपनाने की तैयारी कर रही है।
समन्वयकों का काम पार्टी के लिए नए सक्रिय कार्यकर्ता तैयार करना और नियमित रूप से जिला एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के साथ समन्वयक बनाकर कार्यक्रमों का आयोजन करना होगा। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों या जातियों में पार्टी की पकड़ कमजोर हो रही है, उनमें प्रभावशाली लोगों को कांग्रेस के साथ जोडऩे का काम भी ये समन्वयक करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सलाह पर कांग्रेस एक बार फिर समन्वयकों की परंपरा को शुरू करने की तैयारी कर रही है। गहलोत ने कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव रहते हुए तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी को इस बारे में सुझाव दिया था, लेकिन इसे अमल में अब लाया जा रहा है।
समन्वयकों की नियुक्ति करने के फैसले के साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक प्रशिक्षण विभाग बनाया है। इसमें पोलिंग बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से लेकर विधायकों तक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण का मकसद कांग्रेसजनों को पार्टी की विचारधारा, इतिहास और राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर उसकी राय बताई जाएगी।
विधायकों एवं अन्य जन प्रतिनिधियों को सार्वजनिक जीवन में किस तरह का आचार-व्यवहार रखना चाहिए, यह बताया जाएगा। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ प्रशिक्षण शिविरों में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी के हाथ में जिस समय कांग्रेस की कमान थी, तब जिला स्तर पर नियुक्त समन्वयकों  को काफी पॉवरफुल किया गया था। जिला परिषद और स्थानीय निकाय से लेकर विधानसभा चुनाव तक में उनकी सिफारिश पर टिकट दिए जाते थे।
 कांग्रेस आलाकमान ने प्रत्येक समन्वयकों को एक जीप और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए थे, लेकिन राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस में को समन्वयक बनाने की परंपरा खत्म हो गई थी।
चोरों के राजा ने इस तरह पहुंचाया रूप की रानी को हवालात के अंदर
- प्यार को ठुकराया तो खोल दी अपने ही गिरोह की पोल
सिरसा। एक चोर अपनी महिला साथी से प्यार कर बैठा, लेकिन जब पांच बच्चों की मां महिला ने उसके प्यार को ठुकरा दिया तो उसने अपने ही गिरोह की पोल खोल दी। फिलहाल महिला और उसका चोर प्रेमी पुलिस गिरफ्त में हैं, लेकिन गैंग में शामिल महिला की बहन और बहनोई अभी गिरफ्त में नहीं आ पाए हैं।
खुद को चोर बताने वाला विनोद उर्फ समनू अंबाला के नारायणगढ़ के कल्याण गांव का रहने वाला है और उसकी महिला साथी रानी बठिंडा के अर्जुन नगर की निवासी है। सिरसा में इस गिरोह ने चार चोरियां की हैं। सिरसा के डीएसपी मुख्यालय आर्यन चौधरी ने बताया कि चोरी का मास्टरमाइंड विनोद ही है और उसके गैंग में चार लोग शामिल हैं, जिनमें दो महिलाएं हैं।
गैंग की वारदातों को पुलिस नहीं सुलझा पाई थी। इसी दौरान दुकानदारों के पास फोन आए, जिसमें फोन करने वाले ने बताया कि ये चोरियां बठिंडा के गिरोह ने की हैंं, जिसमें वह खुद भी शामिल है। दुकानदारों ने पुलिस को जानकारी दी तो पुलिस ने विनोद को पकड़ लिया। विनोद ने पुलिस को बताया कि उसका महिला रानी से प्रेम प्रसंग था, लेकिन इस बीच पांच बच्चों की मां रानी उसे छोडऩे पर तुल गई, जिससे खफा होकर उसने गैंग का राजफाश कर दिया। उसके बाद पुलिस ने महिला को भी गिरफ्तार कर लिया।
शहर थाना प्रभारी सत्यवान शर्मा ने बताया कि विनोद बठिंडा में वेटर का काम करता था। इसके बाद वह चोरी करने लगा। इसी दौरान उसका संपर्क रानी से हुआ। रानी ने चोरी की वारदातों में अपनी बहन और बहनोई को भी शामिल कर लिया।
रानी से प्यार में धोखा खाने के बाद विनोद सिरसा आया। यहां उसने दुकानों के बाहर लिखे गए मोबाइल नंबर नोट किए और दुकानदारों को फोन कर अपने गिरोह के चोरी करने की जानकारी दे दी। उसके गिरोह ने सिटी थाना एरिया में तीन व सिविल लाइंस क्षेत्र में एक चोरी की है।


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