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सरकारी चिकित्सा संस्थानों में पोलियोरोधी वैक्सीन का टोटा

- छोटे बच्चें और अभिभावकों की बढ़ी परेशानी
श्रीगंगानगर। जिले के सरकारी चिकित्सा संस्थानों में पोलियोरोधी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। पिछले लंबे समय से इस वैक्सीन की उपलब्धता न होने से छोटे बच्चे और उनके अभिभावक परेशान हैं। अधिकांश तो बार-बार चिकित्सा संस्थानों में जाकर वैक्सीन के लिए संपर्क भी कर रहे हैं लेकिन उन्हें निराशा मिल रही है।
राजकीय जिला चिकित्सालय में पोलियोरोधी वैक्सीन लगाने के लिए प्रति गुरुवार का दिन निर्धारित है। पिछले कई गुरुवारों की भांति आज भी अभिभावक वैक्सीन लगवाने के लिए जिला चिकित्सालय पहुंचे लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ा। इन अभिभावकों ने अपनी परेशानी साझा करते हुए बताया कि हर बार गुरुवार को यही सब होता है। छोटे बच्चों को सर्दी में लेकर यहां आते हैं, स्टाफ वैक्सीन की कमी बताकर मना कर देता है। वैक्सीन कब तक आएगी, इस बारे में भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं देता है। आने से पहले वैक्सीन की उपलब्धता पूछने के लिए अगर स्टाफ का नंबर मांगते हैं तो कोई नंबर भी नहीं देता।
इस संंबंध में पीएमओ डॉ. केएस कामरा ने बताया कि उक्त वैक्सीन की उपलब्धता केवल श्रीगंगानगर ही नहीं, पूरे प्रदेश में कहीं भी नहीं है। सभी जगह यही हाल है। उच्चाधिकारियों को इस बारे में अवगत करवाया गया है। जैसे ही वैक्सीन की उपलब्धता होगी, बच्चों को इंजेक्शन लगाए जाएंगे।
चिकित्सालय में संबंधित चिकित्सक संजय राठी ने भी इस बारे स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वर्ष में दो बार पोलियोरोधी वैक्सीन लगाना अनिवार्य है। राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत छोटे बच्चों को ओरल वैक्सीन पहले से ही दी जा रही है। इंजेक्शन के रूप में वैक्सीन की कमी अवश्य है, लेकिन यह सभी जिलों में है। अभिभावक घबराए नहीं, 1 वर्ष में 2 बार वैक्सीन कभी भी लगवाई जा सकती है।

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