नकली सोना देने पर गोल्ड फायनेंस कम्पनी में हंगामा
- एकजुट स्वर्णकारों ने किया विरोध तो निपटा माला
अनूपगढ़। एक गोल्ड लोन फायनेंस कम्पनी द्वारा एक ग्राहक द्वारा गिरवी रखा गया नकली सोना एक स्वर्णकार को बेचने के मामले को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। स्वर्णकारों के एक जुट होने पर कम्पनी को सोना वापिस लेना पड़ा। पूरे घटनाक्रम में कम्पनी कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
स्वर्णकार पवन सोनी ने बताया कि सोमवार को पे्रमनगर निवासी एक व्यक्ति कम्पनी में 252 ग्राम सोना गिरवी रख कर रुपए करीब 6 लाख रुपए ले गया। कम्पनी की ऑडिट में यह सोना नकली पाया गया। इस पर कर्मचारियों में खलबली मच गई। कम्पनी ने ग्राहक को बुला कर सोना नकली होने के बारे में बताया और इसे किसी को बेच कर अपनी खाल बचाने की बात कही। ग्राहक ने अपने परिचित रजत सोनी को बताया कि कम्पनी वाले सोना सस्ते दामों मेें दे देंगे। रजत सोनी ने कम्पनी में जाकर पैकेट में बंद सोने को देखा और सौदा कर लिया, लेकिन रुपए सुबह देने की बात कही। रजत के पास पैसा नहीं था। इस पर उसने यह सोना खरीदने के लिए अपने घर से दूसरा सोना लाकर कम्पनी में जमा करवा दिया और वह सोना खरीद दिया। रजत ने खरीदे गये सोने की जांच करवाई, तो वह एकदम नकली पाया गया। रजत ने कस्बे के स्वर्णकारों के साथ कम्पनी में जाकर नकली सोना देने पर हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस की मध्यस्थता के चलते दोनों पक्षों में समझौता होने पर कम्पनी वालों ने नकली सोना वापिस ले लिया और रजत सोनी का असली सोना वापिस लौटा दिया। स्वर्णकार के अनुसार कम्पनी वालों ने खुद की खाल बचाने के लिए नकली सोना रजत सोनी को बेच दिया था, जबकि नकली सोना देकर रुपए लेकर जाने वाले ग्राहक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।
अनूपगढ़। एक गोल्ड लोन फायनेंस कम्पनी द्वारा एक ग्राहक द्वारा गिरवी रखा गया नकली सोना एक स्वर्णकार को बेचने के मामले को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। स्वर्णकारों के एक जुट होने पर कम्पनी को सोना वापिस लेना पड़ा। पूरे घटनाक्रम में कम्पनी कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
स्वर्णकार पवन सोनी ने बताया कि सोमवार को पे्रमनगर निवासी एक व्यक्ति कम्पनी में 252 ग्राम सोना गिरवी रख कर रुपए करीब 6 लाख रुपए ले गया। कम्पनी की ऑडिट में यह सोना नकली पाया गया। इस पर कर्मचारियों में खलबली मच गई। कम्पनी ने ग्राहक को बुला कर सोना नकली होने के बारे में बताया और इसे किसी को बेच कर अपनी खाल बचाने की बात कही। ग्राहक ने अपने परिचित रजत सोनी को बताया कि कम्पनी वाले सोना सस्ते दामों मेें दे देंगे। रजत सोनी ने कम्पनी में जाकर पैकेट में बंद सोने को देखा और सौदा कर लिया, लेकिन रुपए सुबह देने की बात कही। रजत के पास पैसा नहीं था। इस पर उसने यह सोना खरीदने के लिए अपने घर से दूसरा सोना लाकर कम्पनी में जमा करवा दिया और वह सोना खरीद दिया। रजत ने खरीदे गये सोने की जांच करवाई, तो वह एकदम नकली पाया गया। रजत ने कस्बे के स्वर्णकारों के साथ कम्पनी में जाकर नकली सोना देने पर हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस की मध्यस्थता के चलते दोनों पक्षों में समझौता होने पर कम्पनी वालों ने नकली सोना वापिस ले लिया और रजत सोनी का असली सोना वापिस लौटा दिया। स्वर्णकार के अनुसार कम्पनी वालों ने खुद की खाल बचाने के लिए नकली सोना रजत सोनी को बेच दिया था, जबकि नकली सोना देकर रुपए लेकर जाने वाले ग्राहक के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।
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