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वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉम्र्स को डिजिटल पेमेंट से दूर रखना चाहती है सरकार

नई दिल्ली। सरकार मान रही है वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को डिजिटल पेमेंट सेगमेंट में उतरने की अनुमति देने से बड़ी मुश्किलें हो सकती हैं। वह इस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से बात करेगी। मेसेजिंग ऐप वॉट्सऐप की हैकिंग से जुड़े हाल के खुलासे के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'फाइनैंशल डेटा की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कुछ अतिरिक्त कदमों के बारे में क्रक्चढ्ढ और हृक्कष्टढ्ढ के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है।Ó
वॉट्सऐप की हैकिंग में इजरायल की कंपनी हृस्ह्र शामिल थी। इस कंपनी के खिलाफ हाल ही में अमेरिका में कानूनी मामला दाखिल हुआ है। हृस्ह्र अपने सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए हैकिंग करती थी।
अधिकारी ने कहा कि इस खुलासे से भारतीय अथॉरिटीज भी सतर्क हो गई हैं। हालांकि, फेसबुक के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप का कहना है कि उसका प्लैटफॉर्म एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन के कारण सुरक्षित है। एक्सपट्र्स का कहना है कि बड़े स्तर पर हैंकिंग के सामने आने के बाद भारत में वॉट्सऐप के पेमेंट फीचर के लॉन्च में और देरी हो सकती है।
फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने हाल ही में कहा था कि कंपनी को इसके जल्द शुरू होने की उम्मीद है। भारत में वॉट्सऐप के लगभग 40 करोड़ यूजर हैं। इसकी पेमेंट सर्विस की पिछले वर्ष अप्रैल से भारत में टेस्टिंग की जा रही है।


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