शुगर मिल के निजीकरण का विरोध, लगाया धरना
- मजदूर कर्मचारी संघ ने रोष व्यक्त किया
श्रीगंगानगर। कमीनपुरा के पास स्थित शुगरमिल को निजी हाथों में सौंपने का मजदूर कर्मचारी संघ ने विरोध किया है।
शुक्रवार को संगठन के कार्यकर्ताओं ने मिल के गेट के समक्ष धरना लगाकर रोष प्रकट किया। साथ ही, महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंप कर चेताया। यदि उनकी मांगों की तरफ गौर नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। संगठन के संयोजक मनमोहन शर्मा, महामंत्री हरीराम सहित अनेक पदाधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2020 से पूर्ण रूप से मिल प्रबंधक शुगर मिल को निजी अनुबंध पर देने का विचार कर रहा है। जोकि सही नहीं है। राजस्थान में एक मात्र सरकारी चीनी मिल को बंद करने की नीति अपनाई जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सीजनल श्रमिकों को स्थाई करने, अनुकंपा नियुक्ति, विभागीय पदोन्नती करने की मांग की गई। संगठन ने कहा कि सीजनल श्रमिकों की संख्या लगभग 67 है, जो ऑफ सीजन में घर बैठे 8 लाठ रूपए प्रतिमाह रिटेरिंग अलॉउंस का भुगतान लेते हैं।
श्रीगंगानगर। कमीनपुरा के पास स्थित शुगरमिल को निजी हाथों में सौंपने का मजदूर कर्मचारी संघ ने विरोध किया है।
शुक्रवार को संगठन के कार्यकर्ताओं ने मिल के गेट के समक्ष धरना लगाकर रोष प्रकट किया। साथ ही, महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंप कर चेताया। यदि उनकी मांगों की तरफ गौर नहीं किया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। संगठन के संयोजक मनमोहन शर्मा, महामंत्री हरीराम सहित अनेक पदाधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2020 से पूर्ण रूप से मिल प्रबंधक शुगर मिल को निजी अनुबंध पर देने का विचार कर रहा है। जोकि सही नहीं है। राजस्थान में एक मात्र सरकारी चीनी मिल को बंद करने की नीति अपनाई जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सीजनल श्रमिकों को स्थाई करने, अनुकंपा नियुक्ति, विभागीय पदोन्नती करने की मांग की गई। संगठन ने कहा कि सीजनल श्रमिकों की संख्या लगभग 67 है, जो ऑफ सीजन में घर बैठे 8 लाठ रूपए प्रतिमाह रिटेरिंग अलॉउंस का भुगतान लेते हैं।
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