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जानिए सिंगल यूज प्लास्टिक है क्या और क्यों लगाया जा रहा है इस पर प्रतिबंध

- दो अक्टूबर को देश भर में लग जाएगा सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन
श्रीगंगानगर। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के दिन  2 अक्टूबर को देश भर में सिंगल-यूज प्लास्टिक बैन होने जा रहा है। इस तारीख से सिंगल-यूज प्लास्टिक से बनने वाले छह प्रोडक्ट्स प्लास्टिक बैग, स्ट्रॉ, कप्स, प्लेट, बोतल और शीट्स बंद हो जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2022 तक भारत को सिंगल-यूज प्लास्टिक से फ्री करने का लक्ष्य रखा है।
जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण बिगड़ता पर्यावरण दुनिया के लिए इस समय सबसे बड़ी चिंता है। ऐसे में प्लास्टिक से पैदा होने वाले प्रदूषण को रोकना और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। कई लाख टन प्लास्टिक हर साल प्रोड्यूस हो रहा है, जो कि बायोडिग्रेडेबल नहीं है। यह मिट्टी में नहीं घुलता-मिलता है। इसलिए दुनिया भर के देश सिंगल-यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के लिए कठोर रणनीति बना रहे हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक के सिर्फ 1/13वां हिस्से यानी लगभग 7.5 फीसदी की ही रीसाइक्लिंग हो पाती है। बाकी प्लास्टिक मिट्टी में दफन हो जाता है, जो पानी की सहायता से समुद्र में पहुंचता है और वहां के जीवों को नुकसान पहुंचाता है। अधिकांश प्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल नहीं हैं और कुछ समय में प्लास्टिक टूटकर जहरीले रसायन भी छोड़ते हैं। ऐसे रसायन पानी और खाद्य सामग्रियों के माध्यम से हमारे शरीर में पहुंचते हैं और गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
पानी में भी नहीं घुलता प्लास्टिक
प्लास्टिक मिट्टी ही नहीं, पानी में भी समाप्त नहीं होता। ऐसे में लगातार प्लास्टिक उत्पादन से कई दक्षिण एशियाई देश प्लास्टिक के डंपिंग यार्ड बन गए हैं। यह मानव शरीर ही नहीं, बल्कि पर्यावरण को भी बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। भारत ने प्लास्टिक के खिलाफ इन्हीं कारणों से जंग छेड़ी है। पहले चरण के तहत सिंगल-यूज प्लास्टिक को बैन किया जा रहा है। दूसरे चरण में बाकी बचे सिंगल-यूज प्लास्टिक को इकठ्ठा कर उसे रीसाइकल किया जाएगा। सरकार सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर जुर्माना भी लगाने वाली है, लेकिन यह कदम बैन के छह महीने बाद लिया जाएगा। ऐसा इसलिए ताकि उन्हें इसके विकल्पों को खोजने का मौका मिल जाए। देश के कुछ राज्य इससे पहले ही सिंगल-यूज प्लास्टिक की बिक्री, उपयोग और भंडारण पर बैन लगा चुके हैं।
जानिए क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
ऐसा प्लास्टिक जिसका इस्तेमाल हम सिर्फ एक बार करते हैं और फिर वह डस्टबिन में चला जाता है। सीधे शब्दों मे कहें तो इस्तेमाल करके फेंक दी जाने वाली प्लास्टिक ही सिंगल-यूज प्लास्टिक कहलाता है। इसे हम डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कहते हैं। हालांकि, इसकी रीसाइक्लिंग की जा सकती है। इसका इस्तेमाल हम अपने रोजमर्रा के काम में करते हैं, जैसे प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक की बोतलें, स्ट्रॉ, कप, प्लेट्स, फूड पैकजिंग में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक, गिफ्ट रैपर्स और कॉफी की डिस्पोजेबल कप्स आदि में हम इसका इस्तेमाल करते हैं।


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