प्लास्टिक के खिलाफ मदर डेयरी की पहल
-टोकन वाले दूध पर पाएं 4 रुपये/लीटर की छूट
नई दिल्ली। मदर डेयरी ने बताया कि प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के प्रयास में टोकन वाले दूध को पैकेज्ड दूध की तुलना में 4 रुपये प्रति लीटर कम लागत पर उपलब्ध करा रही है. फिलहाल, मदर डेयरी अपने 900 बूथों के सशक्त नेटवर्क के माध्यम से औसतम 6 लाख लीटर दूध बेचती है. ऐसे में इसका मकसद नकद प्रोत्साहन मूल्य 90 करोड़ रुपये होगा. कंपनी टोकन वाले दूध की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाएगी और हर घर तक सक्रिय आपूर्ति को सुनिश्चित कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र- दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजिय़ाबाद के निवासियों द्वारा रोज़मर्रा के जीवन में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में योगदान देगी. पैकेज्ड दूध की तुलना में टोकन वाले दूध को रु 4 प्रति लीटर कम लागत पर बेचने के अलावा कंपनी अपने रीटेल सेल आउटलेट्स में वेंडिंग मशीनों के माध्यम से उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाओं का अनुभव प्रदान करेगी. कंपनी ने टोकन वाले दूध की मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता को 10 लाख लीटर प्रति दिन तक बढ़ाया है. अब बड़ी संख्या में लोग वेंडिंग मशीनों से लाभान्वित होंगे, ऐसे में इस नकद प्रोत्साहन से सालाना रु 140 करोड़ का लाभ होगा.
नई दिल्ली। मदर डेयरी ने बताया कि प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के प्रयास में टोकन वाले दूध को पैकेज्ड दूध की तुलना में 4 रुपये प्रति लीटर कम लागत पर उपलब्ध करा रही है. फिलहाल, मदर डेयरी अपने 900 बूथों के सशक्त नेटवर्क के माध्यम से औसतम 6 लाख लीटर दूध बेचती है. ऐसे में इसका मकसद नकद प्रोत्साहन मूल्य 90 करोड़ रुपये होगा. कंपनी टोकन वाले दूध की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाएगी और हर घर तक सक्रिय आपूर्ति को सुनिश्चित कर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र- दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फरीदाबाद और गाजिय़ाबाद के निवासियों द्वारा रोज़मर्रा के जीवन में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने में योगदान देगी. पैकेज्ड दूध की तुलना में टोकन वाले दूध को रु 4 प्रति लीटर कम लागत पर बेचने के अलावा कंपनी अपने रीटेल सेल आउटलेट्स में वेंडिंग मशीनों के माध्यम से उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधाओं का अनुभव प्रदान करेगी. कंपनी ने टोकन वाले दूध की मांग को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता को 10 लाख लीटर प्रति दिन तक बढ़ाया है. अब बड़ी संख्या में लोग वेंडिंग मशीनों से लाभान्वित होंगे, ऐसे में इस नकद प्रोत्साहन से सालाना रु 140 करोड़ का लाभ होगा.
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