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सीएमएचओ ही देंगे खाद्य पदार्थों का नमूना फेल होने पर अभियोजन की मंजूरी

श्रीगंगानगर। अब अगर स्वास्थ्य विभाग किसी जिले मेंं खाद्य पदार्थ अथवा पेय का नमूना लेता है और वह नमूना जांच में फेल हो जाता है तो संबंधित दुकानदार, फर्म के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की मंजूरी संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से ही दी जाएगी। सीएमएचओ से मंजूरी मिलने के बाद मुकदमा चलाया जा सकेगा।
प्रदेश के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने पूरे राज्य में यह नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसके अनुसार अब उन्हीं जिलों के सीएमएचओ अथवा वहां पदस्थापित संयुक्त निदेशक ही अभियोजन की अनुमति देंगे, जहां से सैम्पल लिया गया होगा।
अभी तक जिलों के खाद्य सुरक्षा अधिकारी तो सैम्पल लेते ही हैं, जयपुर में स्थित विभिन्न केन्द्रीय दलों के अधिकारियों को प्रदेश में कहीं भी सैम्पल लेेने का अधिकार है। वह प्रदेश में कहीं भी सैम्पल लेते हैं तो सैम्पल फेल होने पर अपने अधिकारी से ही अभियोजन स्वीकृति लेते हैं।
नई व्यवस्था के अनुसार अब ऐसा नहीं होगा। जयपुर के केन्द्रीय दलों के अधिकारियों को भी उसी जिले के सीएमएचओ से ही अभियोजन स्वीकृति लेनी होगी, जिस जिले से सैम्पल लिया गया होगा। अनसेफ मामलों मेंं संयुक्त निदेशक और अन्य मामलों मेंं सीएमएचओ अभियोजन स्वीकृति जारी करेंगे।

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