मार्केट में बढ़ रहे हैं 2000 रुपए के नकली नोट, क्रक्चढ्ढ ने दी जानकारी
नई दिल्ली। 8 नवम्बर 2016 को की गई नोटबंदी के बाद बाजार में 2,000 रुपये के नोट को मोदी सरकार ने लॉन्च किया था. इस नोट को लॉन्च करे वक़्त सरकार का दावा था की इससे ब्लैक मनी कम होगी. लेकिन इस नोट के आने के बाद से लोगों को इसका फुटकर कराने में काफी दिक्कत हो रही थी. अब सरकार 2000 के नोट को बाजार से कम कर रही है. पिछले वित्त वर्ष में 2000 रुपये का चलन तेजी से घटा जबकि 500 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ी है. इसके साथ ही क्रक्चढ्ढ ने ये जानकारी भी दी है कि 200, 500 और 2000 रुपये के नकली नोट भी बढ़े हैं. वहीं 10 रुपये, 20 रुपये और 50 रुपये के नोटों की जालसाजी में क्रमश: 20.2 फीसदी, 87.2 फीसदी और 57.3 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. दरअसल, करंसी जालसाज 200, 500 और 2000 रुपये के नए नोटों की नकल के तरीके तलाश रहे हैं. रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, इनके डुप्लिकेशन के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई है.
सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद इन्हें जारी किया था. 500 रुपये के नए डिजाइन वाले नोट 2017 में जारी हुए थे. वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में इसकी नकल में 121 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई. वहीं, 2000 रुपये की करंसी के मामले में यह आंकड़ा 21.9 पर्सेंट है. सरकार ने 200 रुपये के नए नोट 2017 में पेश किए थे. इसके 12,728 जाली नोट मिले, जबकि पिछले साल सिर्फ 79 ही पकड़े गए थे.
सरकार ने नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद इन्हें जारी किया था. 500 रुपये के नए डिजाइन वाले नोट 2017 में जारी हुए थे. वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले पिछले वित्त वर्ष में इसकी नकल में 121 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई. वहीं, 2000 रुपये की करंसी के मामले में यह आंकड़ा 21.9 पर्सेंट है. सरकार ने 200 रुपये के नए नोट 2017 में पेश किए थे. इसके 12,728 जाली नोट मिले, जबकि पिछले साल सिर्फ 79 ही पकड़े गए थे.
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