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फाजिल्का के 18 गांवों में हाई अलर्ट

फाजिल्का। सतलुज दरिया में बढ़ते जलस्तर को देखते फाजिल्का जिला प्रशासन ने दरिया के किनारे बसे 18 गांवों में हाई अलर्ट जारी करते गांववासियों को हर स्थिति के साथ निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है। गांवों में लोगों को सूचित किया जा रहा है।
फाजिल्का के एसडीएम सुभाष खटक ने बताया कि प्रशासन की तरफ से पानी की स्थिति पर नजर रखी जा रही है और प्रशासन किसी भी स्थिति के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि फाजिल्का जिले के 18 में से 13 गांव और जलालाबाद के 5 गांवों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन गांवों के लोगों के लिए प्रशासन की तरफ से 10 राहत कैंप स्थापित किये गए हैं, जिनमें 5 राहत कैंप फाजिल्का और 5 राहत कैंप जलालाबाद में हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी गांव को खाली करने के आदेश प्रशासन की तरफ से जारी नहीं किये गए, सिर्फ इन गांवों  के लोगों को अपना जरूरी सामान को बांधकर रखने और हर स्थिति के साथ निपटने के लिए तैयार रहने को लेकर सूचित किया गया है जिससे आवश्यकता पडऩे पर लोगों को राहत कैंपों में ले जाया जा सकें।
दिल्ली में 10 हजार लोगों को निकाला सुरक्षित: इस बीच, हरियाणा के हथिनीकुण्ड बैराज से एक ही दिन में आठ लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
दिल्ली सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। दिल्ली सरकार ने नदी के आसपास रह रहे लोगों को सरकारी टेंटों में आने का आग्रह किया है। मथुरा-वृन्दावन में यमुना नदी में बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया, जिसके चलते जिले के 175 गांव खतरे की जद में हैं।
यमुना किनारे की सभी बाढ़ चैकियों को भी सक्रिय कर दिया गया है। यहां तैनात कर्मचारी यमुना पर नजर रखे हुए हैं। राहत कार्य में लगे लोगों ने करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोडऩे के चलते यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह जलस्तर 205.90 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान से 0.61 मीटर ज्यादा है। इससे पहले सोमवार रात नौ बजे तक जलस्तर 205.54 मीटर रेकॉर्ड किया गया था, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है। आज शाम 4 से 6 बजे के बीच यमुना का जल स्तर 206.20 मीटर तक पहुंच सकता है।
भाखड़ा के पानी से तबाही, 48 घंटे का रेड अलर्ट
भाखड़ा से पानी छोड़े जाने से आई बाढ़ ने तबाही मचानी शुरू कर दी है, इसलिए 48 घंटे का रेड अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट के पहले दिन बाढ़ की वजह से 33 गांव पानी में डूब गए हैं। यहां सेना, पुलिस, एन.डी.आर.एफ. (नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) ने प्रशासन के साथ मिलकर 102 के करीब लोगों को रैस्क्यू किया। वहीं, फिल्लौर के एक गांव में रैस्क्यू के दौरान किश्ती पलटने की सूचना है लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ। फिल्लौर के गांवों बुर्जी नं. 14, 20, 31 का बांध टूटने के कारण रात 3.30 के करीब पानी भरना शुरू हो गया। इसके चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से मौका संभाला। आर्मी व सुरक्षा बलों को तैनात किया गया, जिसके बाद पानी में फंसे लोगों को रैस्क्यू करने का काम शुरू हुआ। नकोदर के महतपुर में 10 के करीब लोगों को रैस्क्यू किया गया, जबकि शाहकोट में 80 से अधिक लोगों के रैस्क्यू होने का समाचार है। इसी तरह फिल्लौर के अंतर्गत आते गन्ना गांव के साथ भोलेवाली में 10 से 12 लोगों को आपात स्थिति से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। अगले 48 घंटों तक स्थिति बेहद नाजुक है, जिसके चलते पूरे सिस्टम को रेड अलर्ट पर रखा गया है। फिल्लौर में 11,400 एकड़ फसल डूब चुकी है जबकि आने वाले दिनों में नुक्सान बढ़ सकता है। भाखड़ा से 8 फुट गेट खोले जाने से बाढ़ प्रभावित गांवों में पानी का स्तर बढ़ सकता है। प्रशासन द्वारा पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है।
छह ट्रेनें दूसरे दिन भी रद
पंजाब में बाढ़ के कारण गांव उजड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ सड़क और रेल यातायात भी प्रभावित हो रहा है। जालंधर में सतलुज दरिया के उफान के मद्देनजर फिरोजपुर से जालंधर आने-जाने वाली छह ट्रेनों को दूसरे दिन भी रद कर दिया गया। जो ट्रेनें रद्द हुई हैं, उनमें जालंधर-फिरोजपुर 54643, जालंधर से फिरोजपुर जाने वाली 74931, फिरोजपुर से जालंधर जाने वाली 74932, फिरोजपुर से जालंधर जाने वाली 74934, फिरोजपुर से जालंधर आने वाली 54644, जालंधर-होशियारपुर 54638, जालंधर-होशियारपुर 54637 शामिल हैं।

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