गहलोत कल पेश करेंगे राजस्थान का बजट
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश करेंगे। प्रदेश के व्यापारियों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि फिलहाल बाजार मंदी के दौर से गुजर रहा है और औद्योगिक निवेश थमा हुआ है। व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट में मुख्यमंत्री प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए रोडमैप पेश करेंगे।
गहलोत सरकार के सामने प्रदेश के आर्थिक विकास को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए बेहतर माहौल की जरूरत होगी। सरकार जानती है कि सभी युवाओं को सरकारी नौकरी देना मुमकिन नहीं है। इसलिए प्रदेश में औद्योगिक निवेश होना जरूरी है, क्योंकि नए उद्योग लगे तो युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी सरकार की मंशा एमएसएमई उद्योग मित्र पोर्टल लांच कर जता दी है। राजस्थान देश में पहला राज्य है जहां अब उद्योग लगाने के लिए तीन साल तक किसी भी तरह की सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं है। बारह जून को लांचिंग के बाद अब तक 733 उद्यमी उद्योग मित्र पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इन्हे हाथोंहाथ उद्योग लगाने की अनुमति भी मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बजट से पहले प्रदेश के व्यापारियों से बजट के लिए सुझाव मांगे थे। इसमें व्यापारियों ने एमएसएमई पोर्टल का तो स्वागत किया, लेकिन दूसरी कई समस्याओं से भी सरकार को अवगत कराया।
इनमें उद्योगों के लिए महंगी बिजली प्रमुख समस्याओं में से एक है। सस्ती बिजली के साथ रीको औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन के दाम कम करने का सुझाव भी व्यापारियों ने दिया। इसके साथ चीनी और दूसरे खाद्य पदार्थें से मंडी टैक्स कम करने की भी मांग उठाई गई है। रियल एस्टेट से जुड़े बिल्डरों ने स्टाम्प ड्यूटी कम करने का सुझाव दिया है। व्यापारी कल्याण बोर्ड, व्यापारी बीमा, स्टेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल जैसी अन्य सौगातें भी व्यापारियों को इस बजट से मिल सकती हैं।
इनका कहना है
इस नए एमएसएमई अध्यादेश को बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री नई उद्योग नीति की घोषणा कर चुके हैं। इस घोषणा को बजट में अमलीजामा पहनाया जाएगा।
-परसादीलाल मीणा, उद्योग मंत्री
गहलोत सरकार के सामने प्रदेश के आर्थिक विकास को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए बेहतर माहौल की जरूरत होगी। सरकार जानती है कि सभी युवाओं को सरकारी नौकरी देना मुमकिन नहीं है। इसलिए प्रदेश में औद्योगिक निवेश होना जरूरी है, क्योंकि नए उद्योग लगे तो युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी सरकार की मंशा एमएसएमई उद्योग मित्र पोर्टल लांच कर जता दी है। राजस्थान देश में पहला राज्य है जहां अब उद्योग लगाने के लिए तीन साल तक किसी भी तरह की सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं है। बारह जून को लांचिंग के बाद अब तक 733 उद्यमी उद्योग मित्र पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इन्हे हाथोंहाथ उद्योग लगाने की अनुमति भी मिल चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बजट से पहले प्रदेश के व्यापारियों से बजट के लिए सुझाव मांगे थे। इसमें व्यापारियों ने एमएसएमई पोर्टल का तो स्वागत किया, लेकिन दूसरी कई समस्याओं से भी सरकार को अवगत कराया।
इनमें उद्योगों के लिए महंगी बिजली प्रमुख समस्याओं में से एक है। सस्ती बिजली के साथ रीको औद्योगिक क्षेत्रों में जमीन के दाम कम करने का सुझाव भी व्यापारियों ने दिया। इसके साथ चीनी और दूसरे खाद्य पदार्थें से मंडी टैक्स कम करने की भी मांग उठाई गई है। रियल एस्टेट से जुड़े बिल्डरों ने स्टाम्प ड्यूटी कम करने का सुझाव दिया है। व्यापारी कल्याण बोर्ड, व्यापारी बीमा, स्टेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल जैसी अन्य सौगातें भी व्यापारियों को इस बजट से मिल सकती हैं।
इनका कहना है
इस नए एमएसएमई अध्यादेश को बजट सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री नई उद्योग नीति की घोषणा कर चुके हैं। इस घोषणा को बजट में अमलीजामा पहनाया जाएगा।
-परसादीलाल मीणा, उद्योग मंत्री
No comments