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रेजीडेंट डॉक्टर साक्षी की आत्महत्या का मामला

- कॉल डिटेल पर टिकी पुलिस की जांच
- फाजिल्का में कैन्डल मार्च आज शाम
श्रीगंगानगर/जयपुर। सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय के हॉस्टल में रेजीडेंट डॉक्टर साक्षी गुप्ता द्वार आत्महत्या किए जाने के पीछे रहे कारणों की पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। लालकोठी थाना पुलिस ने डॉक्टर साक्षी के मोबाइल नम्बर की कॉल डिटेल मांगी है। इसमें कुछ खुलासा होने की उम्मीद है।
डॉ. साक्षी फाजिल्का की थी। फाजिल्का के लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। आज शनिवार शाम 7.30 बजे केंडल मार्च निकाला जाएगा।
थाना प्रभारी रायसल सिंह शेखावत ने बताया कि फाजिल्का निवासी डा. साक्षी गुप्ता के पिता सुमेश गुप्ता की रिपोर्ट पर साक्षी को आत्महत्या के लिए दुष्पे्ररित करने के आरोप में डॉ. लीला, डॉ. अदिति, डॉ. वर्षा, डॉ. दीपाली व डॉ. कविता के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
आरोप है कि सीनियर डॉक्टर उसे जानबूझ कर प्रताडि़त करते थे। जांच अधिकारी श्री शेखावत ने बताया कि मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था। साक्षी के मोबाइल की कॉल डिटेल मिलने पर विश्लेषण किया जायेगा कि आत्महत्या करने से पहले डॉ. साक्षी ने किन-किन लोगों से बातचीत की।
गौरतलब है कि रेजीडेंट डाक्टर साक्षी गुप्ता ने आत्महत्या करने से पहले अपनी मां को फोन करके बताया था कि उसे यहां बहुत प्रताडि़त किया जा रहा है। मां मुझे कहीं ओर भेज दो। काम का प्रेशर बहुत ज्यादा है। सीनियर डॉक्टर बहुत ज्यादा दबाव बनाते हैं। इसके बाद परिजन डॉ. साक्षी को जयपुर में मिल कर गये थे। सीनियर की प्रताडऩा के चलते रेजीडेंट डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली।
श्रीगंगानगर-अनूपगढ़ से भी है डॉ. साक्षी का नाता
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। अपने सीनियर्स के अत्याचारों से तंग आकर आत्महत्या करने वाली जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल से एमडी कर रही डॉ. साक्षी गुप्ता का श्रीगंगानगर से भी गहरा नाता है। वे अग्रवाल महासभा के नरेश बड़ोपलिया के भानजे सुमेश गुप्ता की बेटी थी। साक्षी का ननिहाल भी अनूपगढ़ में है। मूल रूप से फाजिल्का निवासी साक्षी को न्याय दिलाने के लिए शनिवार शाम साढ़े सात बजे फाजिल्का में कैंडल मार्च निकाला जाएगा।
बड़ोपलिया ने बताया कि साक्षी के सीनियर्स कई तरह से उसे प्रताडि़त कर रहे थे। उससे 12 से 20 घंटे तक ड्यूटी करवाई जाती थी। एमडी करने के दौरान मिलने वाला साठ हजार रुपए वेतन भी वे देना नहीं चाहते थे। इस तरह के और भी अनेक गंभीर आरोप साक्षी के परिजन लगा रहे हैं। बताया जाता है कि अब तक अविवाहित साक्षी के आत्महत्या मामले में नोहर के विधायक अमित चाचाण की मध्यस्थता से समझौता हो गया है लेकिन कई परिजन इस समझौते से संतुष्ट नहीं हैं।


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