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रीको में डीएलसी रेट 4700 रुपये, बाजार भाव 3 हजार के करीब

- सरकारी नीतियों डूब रह रीको औद्योगिक क्षेत्र खरीद सस्ते में
- रजिस्ट्री डीएलसी दर पर महंगी
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार की गलत नीतियों की वजह से रीको औद्योगिक क्षेत्र लगातार गर्त में जा रहा है। यही कारण है कि पिछले काफी सालों से रीको में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं हुआ। व्यापारियों को सरकार की नीतियों की वजह से कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। सरकार ने जो कागजों में नीतियां बनाई हैं, वह धरातल पर फिट नहीं बैठती। इस वजह से नया उद्योग लगना तो दूर, पुराने उद्योगों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
वर्तमान में रीको औद्योगिक क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए भूखंड आदि खरीदने पर जो डीएलसी दरें निर्धारित की हैं, वह बाजार भाव से काफी ज्यादा है। सरकार ने 4700 रुपए पर स्कवेयर मीटर के हिसाब से डीएलसी दर निर्धारित तो कर दी, लेकिन अभी तक इस रेट पर एक भी प्लॉट नहीं बिका, जबकि रीको के अंदर प्लॉट का बाजार भाव तीन हजार रु. पर स्कवेयर मीटर चल रहा है। करीब 1700 रु. पर स्कवेयर मीटर का अंतर व्यापारियों के लिए बहुत ज्यादा है। इससे लगातार परेशानी बढ़ रही है।
सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए रीको का चौथा फेज शुरू किया। तब भूमि अधिगृहण करते हुए जमीन को काफी महंगा खरीद लिया। इसके बाद सरकार ने उसी हिसाब से 4700 रु. पर स्कवेयर मीटर इसकी डीएलसी दर निर्धारित कर दी। अब कोई व्यापारी रीको के चौथे फेज में कोई भूखंड बाजार भाव पर खरीदता है तो उसे तीन हजार रु. पर स्कवेयर मीटर के हिसाब से कीमत चुकानी होती है। कई बार 2700 से 2800 के बीच में उसे भूखंड मिल जाता है।
रीको इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सरकार को अवगत भी करवाया, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
रीको बाइपास पर उद्योग लगने शुरू
रीको की डीएलसी दर अधिक होने की वजह से अब व्यापारियों ने इसका नया तरीका भी निकाला है। रीको बाइपास व एग्रो फूड पार्क मार्ग पर भूखंड खरीदकर उनमें उद्योग स्थापित किए जा रहे हैं। इस बाइपास पर 45 से 50 लाख एक बीघा भूमि मिल जाती है। उस हिसाब से इस भूमि की दर लगभग 2500 रु. पर स्कवेयर मीटर ही आती है। यहां डीएलसी दरें भी कम हैं।
चौथे फेज के साथ प्रथम और द्वितीय फेज की डीएलसी भी बढ़ाई : चौथे फेज के साथ-साथ सरकार ने प्रथम और द्वितीय फेज की डीएलसी भी 4700 रु. पर स्कवेयर मीटर कर दी यानि चौथे फेज के अलावा इन दोनेां फेजों में कोई भूखंड खरीदेगा, तब भी उन्हें इन्हीं डीएलसी दरों पर भुगतान करना होगा।
रीको में सर्विस चार्ज तो वसूला,
सफाई का नामोनिशान नहीं
रीको क्षेत्र में जितनी भी औद्योगिक इकाईयां लगी हुई हैं, उन सभी से निर्धारित सर्विस चार्ज भी रीको प्रबंधन द्वारा वसूला जाता है ताकि रीको क्षेत्र में साफ-सफाई रखी जा सके। रीको इंडस्ट्रीज एसो. के सचिव सुनील अग्रवाल ने बताया कि इस क्षेत्र में सफाई का नामोनिशान नहीं है। गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। नालियों की सफाई नहीं होती। इस कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस सम्बंध रीको प्रबंधन को भी अवगत करवाया गया, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। रीको क्षेत्र में कोई कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है और न ही कोई टेस्टिंग लेबोरेट्री है। सुविधाएं नगण्य हैं।
अधिक दरों पर कोई क्यों खरीदेगा प्लॉट
रीको के प्रतिष्ठित व्यापारी व सूर्या गोल्ड एग्रो फूड प्रा. लि. के संचालक पवन गोयल का कहना है कि रीको के चौथे फेज के लिए प्लॉट तो काट कर छोड़ दिए गए, लेकिन डीएलसी अधिक होने की वजह से अभी तक एक प्लॉट भी विक्रय नहीं हुआ है, जबकि बाईपास एग्रो फूड रोड पर व्यापारी भूमि खरीदकर लगातार उद्योग स्थापित कर रहे हैं।
इनका कहना है
रीको औद्योगिक क्षेत्र के पास पहले अपनी भूमि थी, लेकिन अब रीको ने भूमि को अधिगृहण किया है। जिसके रेट अधिक है और रीको ने उसी हिसाब से इसकी डीएलसी दर निर्धारित की है। वर्तमान में जीएसटी आदि लगने के कारण सभी कार्य ऑनलाइन हो चुका है। केवल श्रीगंगानगर ही नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी उद्योग कम ही लग रहे हैं। सरकार का नियम है कि एक फेज में जो डीएलसी दर हैं वे सभी फेजों में होगी।
-विनोद कुमार, आरएएम रीको औद्योगिक क्षेत्र, श्रीगंगानगर


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