अब क्रिप्टोकरेंसी रखने पर हो सकती है जेल या लग सकता 25 करोड़ का जुर्माना
नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल करना अब महंगा पड़ेगा. बिटकॉइन रखने, बेचने या खरीदने वालों को अब 25 करोड़ रुपये जुर्माना लग सकता है. दरअसल, पिछले हफ्ते वर्चुअल क्रिप्टोकरेंसी पर बने एक उच्चस्तरीय सरकारी पैनल ने भारत में सभी वर्चुअल क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने का सुझाव दिया था. इस पैनल ने 23 जुलाई 2019 को क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और नियमन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक 2019 नाम से एक ड्राफ्ट बिल भी प्रस्तावित किया था.
एक खबर के मुताबिक, इस पैनल की ओर से प्रस्तावित बिल में वर्चुअल करेंसी से किसी भी तरह की डीलिंग रखने पर, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या कंपनी, 25 करोड़ का जुर्माना और 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है. हालांकि, यह पैनल एक ऑफिशियल डिजिटल करेंसी लॉन्च करने के पक्ष में है. इसमें कहा गया है कि चूंकि वर्चुअल करेंसी और इसकी टेक्नोलॉजी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में सरकार एक स्टैंडिंग कमिटी का गठन कर सकती है, जो जरूरत पडऩे पर मुद्दे पर दोबारा विचार कर सके. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत सरकार का रुख नकारात्मक रहा है.
पिछले साल अप्रैल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों और फाइनेंशियल कंपनीज के क्रिप्टोकरंसी में डीलिंग करने पर रोक लगा दी थी. अगर पैनल की ओर से प्रस्तावित इस बिल पर मुहर लग जाती है, तो भारत भी उन देशों की श्रेणी में आ जाएगा, जहां क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगा हुआ है. भारत में क्रिप्टोकरंसी में डील कर रहे कई ट्रेडर्स पहले ही अपना असेट दूसरे देशों में ट्रांसफर कर रहे हैं. सरकार के इस मूव से स्टार्टअप्स, वेंचर कैपिटलिस्ट्स और एंजल इन्वेस्टर्स को बड़ा झटका लगेगा.
एक खबर के मुताबिक, इस पैनल की ओर से प्रस्तावित बिल में वर्चुअल करेंसी से किसी भी तरह की डीलिंग रखने पर, चाहे वह कोई व्यक्ति हो या कंपनी, 25 करोड़ का जुर्माना और 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है. हालांकि, यह पैनल एक ऑफिशियल डिजिटल करेंसी लॉन्च करने के पक्ष में है. इसमें कहा गया है कि चूंकि वर्चुअल करेंसी और इसकी टेक्नोलॉजी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में सरकार एक स्टैंडिंग कमिटी का गठन कर सकती है, जो जरूरत पडऩे पर मुद्दे पर दोबारा विचार कर सके. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत सरकार का रुख नकारात्मक रहा है.
पिछले साल अप्रैल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों और फाइनेंशियल कंपनीज के क्रिप्टोकरंसी में डीलिंग करने पर रोक लगा दी थी. अगर पैनल की ओर से प्रस्तावित इस बिल पर मुहर लग जाती है, तो भारत भी उन देशों की श्रेणी में आ जाएगा, जहां क्रिप्टोकरंसी पर बैन लगा हुआ है. भारत में क्रिप्टोकरंसी में डील कर रहे कई ट्रेडर्स पहले ही अपना असेट दूसरे देशों में ट्रांसफर कर रहे हैं. सरकार के इस मूव से स्टार्टअप्स, वेंचर कैपिटलिस्ट्स और एंजल इन्वेस्टर्स को बड़ा झटका लगेगा.

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