इस डंडे को झंडे का इन्तजार
- दो महीने पहले यूआईटी ने उतरवा लिया था भारत माता चौक से विशाल तिरंगा
श्रीगंगानगर। 14 अगस्त 2018 सुखाडिय़ा सर्किल भारत माता चौक पर लगाया गया तिरंगा ध्वज अब दिखाई नहीं देता। नगर विकास न्यास की और से बिना किसी पूर्व सूचना के करीब दो महीने पहले इस ध्वज को उतरवा लिया गया था। दावा किया जा रहा है कि विपरीत मौसम के दौरान ध्वज को नुकसान नहीं पुहंचे, इसलिए इसे समय-समय पर उतार लिया जाता है। अब मौसम में सुधार के बाद आगामी दिनों में इसे पून: ध्वज स्तम्भ पर लगा दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार बीते 9 माह के दौरान यूआईटी ने इस ध्वज को करीब आधे दर्जन बार तारा है। कभी आंधी तुफान तो कभी तकनीकी कारणों से ध्वज को उतारा जाता रहा है। सूत्रों की माने तो स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले ध्वज स्थापित किए जाने के बाद से यह यूआईटी के लिए परेशानी बना हुआ है। करीब 12 लाख रुपए खर्च कर 110 फीट ऊंचाई पर फहराए गए इस ध्वज को आधा झुकाने की तकनीक ठेकेदार के पास नहीं थी, इसीकारण इसे पूरा ही उतार लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि इस ध्वज को दिन-रात फहराए रखने के लिए प्रोटोकोल का पूरा ध्यान रखना पड़ता है। ध्वज को क्षति होने पर उसे तुरंत बदलने, रात के समय रोशनी की व्यवस्था आदि के लिए ठेकेदार को राशि खर्च करनी पड़ेगी। इससे बचने के लिए मौसम खराब बताकर ध्वज को उतार लिया जाता है। अब तो नगर विकास न्यास के अधिकारी इसे प्रतिकात्म ध्वज बताकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
यह प्रतिकात्मक ध्वज है, कभी भी उतार सकते हैं
तेज हवा चलने, बरसात होने से ध्वज भारी होकर गिरने या क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना रहती है। पिछले कुछ समय से मौसम विभाग भी आंधी-तूफान की चेतावनी देता रहता है। ऐसे में ध्वज को सुरक्षित बचाए रखने के लिए इसे उतार दिया जाता है। चार-पांच मई के बाद मौसम ठीक रहने पर इसे पुन: फहरा दिया जाएगा। यह एक प्रतिकात्मक ध्वज है। राष्ट्रीय पर्व के लिए इसे कभी भी लगाया और उतारा जा सकता है।
- महेश चन्द्र गोयल, एक्सईएन यूआईटी, श्रीगंगानगर
श्रीगंगानगर। 14 अगस्त 2018 सुखाडिय़ा सर्किल भारत माता चौक पर लगाया गया तिरंगा ध्वज अब दिखाई नहीं देता। नगर विकास न्यास की और से बिना किसी पूर्व सूचना के करीब दो महीने पहले इस ध्वज को उतरवा लिया गया था। दावा किया जा रहा है कि विपरीत मौसम के दौरान ध्वज को नुकसान नहीं पुहंचे, इसलिए इसे समय-समय पर उतार लिया जाता है। अब मौसम में सुधार के बाद आगामी दिनों में इसे पून: ध्वज स्तम्भ पर लगा दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार बीते 9 माह के दौरान यूआईटी ने इस ध्वज को करीब आधे दर्जन बार तारा है। कभी आंधी तुफान तो कभी तकनीकी कारणों से ध्वज को उतारा जाता रहा है। सूत्रों की माने तो स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले ध्वज स्थापित किए जाने के बाद से यह यूआईटी के लिए परेशानी बना हुआ है। करीब 12 लाख रुपए खर्च कर 110 फीट ऊंचाई पर फहराए गए इस ध्वज को आधा झुकाने की तकनीक ठेकेदार के पास नहीं थी, इसीकारण इसे पूरा ही उतार लिया गया।
सूत्रों ने बताया कि इस ध्वज को दिन-रात फहराए रखने के लिए प्रोटोकोल का पूरा ध्यान रखना पड़ता है। ध्वज को क्षति होने पर उसे तुरंत बदलने, रात के समय रोशनी की व्यवस्था आदि के लिए ठेकेदार को राशि खर्च करनी पड़ेगी। इससे बचने के लिए मौसम खराब बताकर ध्वज को उतार लिया जाता है। अब तो नगर विकास न्यास के अधिकारी इसे प्रतिकात्म ध्वज बताकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।
यह प्रतिकात्मक ध्वज है, कभी भी उतार सकते हैं
तेज हवा चलने, बरसात होने से ध्वज भारी होकर गिरने या क्षतिग्रस्त होने की सम्भावना रहती है। पिछले कुछ समय से मौसम विभाग भी आंधी-तूफान की चेतावनी देता रहता है। ऐसे में ध्वज को सुरक्षित बचाए रखने के लिए इसे उतार दिया जाता है। चार-पांच मई के बाद मौसम ठीक रहने पर इसे पुन: फहरा दिया जाएगा। यह एक प्रतिकात्मक ध्वज है। राष्ट्रीय पर्व के लिए इसे कभी भी लगाया और उतारा जा सकता है।
- महेश चन्द्र गोयल, एक्सईएन यूआईटी, श्रीगंगानगर
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