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उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी

- स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में आरक्षण का मामला
मुंबई (भाषा)। महाराष्ट्र में छात्रों के एक समूह ने चेतावनी दी है कि बंबई उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ एक आंदोलन शुरू किया जाएगा जिसमें कहा गया है कि मराठाओं को दिया गया 16 प्रतिशत आरक्षण इस साल के चिकित्सा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश के मामले में लागू नहीं होगा । पुणे स्थित एक मेडिकल कॉलेज में हाल ही में प्रवेश लेने वाले सूयांश पाटिल ने मंगलवार को दावा किया कि बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के पिछले सप्ताह के इस फैसले से करीब 250 छात्र प्रभावित हुए हैं। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि राज्य ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की है जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होने की संभावना है। उच्च न्यायालय के आदेश से प्रभावित छात्रों के एक प्रतिनिधि ने कहा कि अगर राज्य सरकार मामले को सुलझाने में विफल रहती है तो वे आंदोलन की शुरूआत करेंगे। राज्य सरकार ने चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय को गत आठ मार्च को लिखे एक पत्र में पीजी चिकित्सा पाठ्यक्रमों में 2019 शैक्षणिक सत्र से सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) के आरक्षण को सम्मलित करने का अनुरोध किया था।


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