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गेहूं खरीद की सैम्पलिंग करने पहुंचे एफसीआई अधिकारी

- दोनों जिलों की मंडियों में करेंगे गेहूं की सैम्पलिंग
श्रीगंगानगर। एफसीआई की ओर से जारी गेहूं की सरकारी खरीद की सैम्पलिंग करने के लिए सोमवार को जयपुर से अधिकारी गंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों में पहुंचें। एफसीआई अधिकारियों द्वारा दोनों जिलों की बड़ी मंडियों में सरकारी खरीद की सैम्पलिंग कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत की जाएगी।
एफसीआई डीएम लोकेश ब्रह्मभट्ट ने बताया कि आज सुबह एफसीआई जयपुर के सहायक महाप्रबंधक (गुण नियंत्रण) प्रेमचंद और मनीष वर्मा सैम्पलिंग के लिए पहुंचे। प्रेमचंद ने स्थानीय अधिकारियों के साथ जिला मुख्यालय स्थित नई धानमंडी में सैम्पलिंग की जबकि इसी कार्य के लिए मनीष वर्मा हनुमानगढ़ जिले की मंडियों में पहुंचे हुए हैं।
नई धानमंडी में सैम्पलिंग के बाद प्रेमचंद जिले की अन्य मंडियों मेें सैम्पलिंग के लिए रवाना हो गए। एफसीआई डीएम के अनुसार पिछले दिनों बरसात-ओलावृष्टि के कारण गेहूं के दानों की चमक कम (लुस्टर लॉस) है। सरकारी खरीद के निर्धारित मानकों के अनुरुप एफसीआई द्वारा ऐसे गेहूं की खरीद नहीं की जा सकती। मंडी व्यापारियों ने क्यूआई को इससे अवगत करवाया था।
इस पर एफसीआई ने कहा है कि पूर्व में जिस गेहूं की खरीद हो चुकी है, बारदाना मिलने पर व्यापारी उसी की भराई करवाएं। चकम प्रभावित गेहूं की भराई करवाने पर संबंधित फर्म की बिडिंग निरस्त करते हुए एफसीआई/मंडी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एफसीआई डीएम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा चमक प्रभावित गेहूं की सरकारी खरीद के दौरान नियम में छूट की मांग केन्द्र सरकार से की जा सकती है। इस पर निर्णय केन्द्र सरकार ने लेना है। केन्द्र सरकार द्वारा अगर इस संबंध में गेहूं की गुणवत्ता बारे रिपोर्ट मांगी जाती है तो एफसीआई उक्त सैम्पलिंग की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जानकारी है कि वर्ष 2015-16 में ऐसी ही स्थिति आने पर सरकार ने किसानों से 10.79 रुपए की कटौती के साथ समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदा था।


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