स्वास्थ्य विभाग के अभियान की मोहताज बनी खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा
- खाद्य सुरक्षा के अधिकारी के पद पर स्थाई नियुक्ति नहीं होने से मिलावटखोर भी बेखौफ
श्रीगंगानगर। जिले में खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा स्वास्थ्य विभाग के अभियान की मोहताज बनकर रह गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले तीन वर्षांे से रिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर अभी तक राज्य एक अदद अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर पाई है। इस वजह से मिलावटखोर बेखौफ होकर धड़ल्ले से कारोबार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से होली, रक्षाबंधन, दीपावली जैसे त्यौहारों पर ही खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा के लिए अभियान चलाया जाता है। इन अवसरों के आगे-पीछे विभाग को खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा का ध्यान नहीं रहता। अभियान समाप्त होने के बाद विभाग फिर से खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा भूल जाता है। इसी लापरवाही का फायदा उठाकर मिलावटखोर धड़ल्ले से अपना कारोबार चलाए हुए हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो विभागीय अधिकारियों को सैम्पलिंग लायक मिठाई, घी सहित अन्य वस्तुएं नहीं मिलतीं। राज्य सरकार के साथ-साथ विभाग की ये लापरवाही आमजन के लिए इसलिए भी घातक है क्योंकि मिलावटी और दूषित खाद्य पदार्थांे की वजह से ही गंभीर/जानलेवा बीमारियां बढ़ रही हैं। अभियान के दौरान ही विभाग खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा के लिए प्रयास न करें बल्कि नियमित कार्रवाई की जाए ताकि मिलावटखोरी पर रोक लग सके। नियमित कार्रवाई होगी तो मिलावटखोरों में कार्रवाई का भय बना रहेगा।
नियुक्ति को तरसा गंगानगर
स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रदीप राजपूत वर्ष 2016 में रिटायर्ड हुए थे। उसके बाद से इस पद पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विभाग ने बीकानेर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी महमूद अली को गंगानगर लगाया, लेकिन वे भी ज्यादा दिनों तक कार्यरत नहीं रहे। बाद में सिरोही से विनोद शर्मा को स्थाई नियुक्ति मिली, परन्तु वे भी कुछ समय के बाद रवाना हो गए। उनके बाद विभाग ने हनुमानगढ़ के खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरीराम वर्मा को गंगानगर लगाया। अभी तक वे ही कार्यवाहक के तौर पर दोनों जिलों का काम देख रहे हैं। तीन दिनों तक गंगानगर में सैम्पलिंग करने के बाद शिकायत मिलने पर वे बुधवार को वापिस हनुमानगढ़ लौट गए।
दूध, घी से परहेज क्यों
अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग मिठाइयों, मावा पर ही ध्यान केेन्द्रित करता है। ऐसा लगता है कि इन कार्रवाइयों के दौरान विभागीय अधिकारी दूध, घी की सैम्पलिंग से परहेत करते हैं। जिले में प्रतिदिन दूध, घी की बड़ी खपत होती है। पशुओं की संख्या के हिसाब से इतनी बड़ी मात्रा में दूध, घी की आपूर्ति होना संभव नहीं। साफ है कि मिलावटी दूध, घी बाजार के जरिए घरों में पहुंचता है।
'कई बार विभाग के उच्चाधिकारियों और राज्य सरकार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति के लिए लिखा है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। पद रिक्त होने के बावजूद हनुमानगढ़ से अधिकारी बुलाकर सैम्पलिंग की जा रही है। फूड लाइसेंस संबंधी काम भी हो रहा है।
-डॉ. नरेश बंसल, सीएमएचओ श्रीगंगानगर
श्रीगंगानगर। जिले में खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा स्वास्थ्य विभाग के अभियान की मोहताज बनकर रह गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले तीन वर्षांे से रिक्त खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पद पर अभी तक राज्य एक अदद अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर पाई है। इस वजह से मिलावटखोर बेखौफ होकर धड़ल्ले से कारोबार कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से होली, रक्षाबंधन, दीपावली जैसे त्यौहारों पर ही खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा के लिए अभियान चलाया जाता है। इन अवसरों के आगे-पीछे विभाग को खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा का ध्यान नहीं रहता। अभियान समाप्त होने के बाद विभाग फिर से खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा भूल जाता है। इसी लापरवाही का फायदा उठाकर मिलावटखोर धड़ल्ले से अपना कारोबार चलाए हुए हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो विभागीय अधिकारियों को सैम्पलिंग लायक मिठाई, घी सहित अन्य वस्तुएं नहीं मिलतीं। राज्य सरकार के साथ-साथ विभाग की ये लापरवाही आमजन के लिए इसलिए भी घातक है क्योंकि मिलावटी और दूषित खाद्य पदार्थांे की वजह से ही गंभीर/जानलेवा बीमारियां बढ़ रही हैं। अभियान के दौरान ही विभाग खाद्य पदार्थांे की सुरक्षा के लिए प्रयास न करें बल्कि नियमित कार्रवाई की जाए ताकि मिलावटखोरी पर रोक लग सके। नियमित कार्रवाई होगी तो मिलावटखोरों में कार्रवाई का भय बना रहेगा।
नियुक्ति को तरसा गंगानगर
स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रदीप राजपूत वर्ष 2016 में रिटायर्ड हुए थे। उसके बाद से इस पद पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी की स्थाई नियुक्ति नहीं हुई है। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विभाग ने बीकानेर के खाद्य सुरक्षा अधिकारी महमूद अली को गंगानगर लगाया, लेकिन वे भी ज्यादा दिनों तक कार्यरत नहीं रहे। बाद में सिरोही से विनोद शर्मा को स्थाई नियुक्ति मिली, परन्तु वे भी कुछ समय के बाद रवाना हो गए। उनके बाद विभाग ने हनुमानगढ़ के खाद्य सुरक्षा अधिकारी हरीराम वर्मा को गंगानगर लगाया। अभी तक वे ही कार्यवाहक के तौर पर दोनों जिलों का काम देख रहे हैं। तीन दिनों तक गंगानगर में सैम्पलिंग करने के बाद शिकायत मिलने पर वे बुधवार को वापिस हनुमानगढ़ लौट गए।
दूध, घी से परहेज क्यों
अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग मिठाइयों, मावा पर ही ध्यान केेन्द्रित करता है। ऐसा लगता है कि इन कार्रवाइयों के दौरान विभागीय अधिकारी दूध, घी की सैम्पलिंग से परहेत करते हैं। जिले में प्रतिदिन दूध, घी की बड़ी खपत होती है। पशुओं की संख्या के हिसाब से इतनी बड़ी मात्रा में दूध, घी की आपूर्ति होना संभव नहीं। साफ है कि मिलावटी दूध, घी बाजार के जरिए घरों में पहुंचता है।
'कई बार विभाग के उच्चाधिकारियों और राज्य सरकार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति के लिए लिखा है, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ। पद रिक्त होने के बावजूद हनुमानगढ़ से अधिकारी बुलाकर सैम्पलिंग की जा रही है। फूड लाइसेंस संबंधी काम भी हो रहा है।
-डॉ. नरेश बंसल, सीएमएचओ श्रीगंगानगर
No comments