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उपकर को लेकर धूड़ में ल_ मार रहा है श्रम विभाग

- यूआईटी में लोगों ने उपकर जमा करवाया, फिर भी श्रम विभाग ने जारी किए नोटिस
- विभाग की मनमर्जी को लेकर लोगों में भारी रोष
श्रीगंगानगर। श्रम विभाग के अधिकारी इन दिनों धूड़ में ल_ मार रहे हैं। वे लोगों को भवन निर्माण के मामले में उपकर वसूली के नोटिस जारी कर रहे हैं, जबकि अनेक लोगों ने भवन निर्माण से पहले नक्शा पास करवाते समय नगर विकास न्यास में एक प्रतिशत उपकर जमा ही करवा दिया था। ऐसे में विभाग का फिर से उपकर का नोटिस थमा रहा है। लोगों में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है कि विभाग मनमर्जी पर उतारू है और इलाके के सत्ताधारी व विपक्षी नेता चुप्पी सादे हुए हैं। विभाग के पास किसी भी तरह का कोई प्लान नहीं है। वह अपनी मनमर्जी से नोटिस पर नोटिस जारी कर रहा है और अब तो ब्याज की वसूली और कुर्की तक की चेतावनी नोटिस में दी जा रही है।
विभाग के जिला श्रम कल्याण अधिकारी अमरचंद लहरी का कहना है कि अब तक तीन मामले ऐसे आए हैं, जिन्होंने यूआईटी में उपकर पहले से जमा करवा रखा था। रसीद दिखाने पर नोटिस को वापिस ले लिया गया है। उन्होंने बताया कि यूआईटी व नगरपरिषद को पहले से ही सरकार ने उपकर वसूली करने के निर्देश दे रखे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक पौने छ: करोड़ रुपए उपकर वसूला जा चुका है। श्रीगंगानगर जिले के लिए राज्य सरकार की ओर से 15 करोड़ रु. उपकर वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। हनुमानगढ़ रोड स्थित कैलाश हॉस्पीटल ने नोटिस जारी होने के बाद श्रम विभाग को अवगत करवाया कि उन्होंने 58 हजार रु. का उपकर यूआईटी में पहले ही दे दिया था।
इनके नोटिस को वापिस लिया गया है। इसी तरह के सूरतगढ़ की एक शिक्षण संस्था का भी नोटिस वापिस लिया है। नगर विकास न्यास सचिव कैलाश शर्मा ने बताया कि यूआईटी से भवन निर्माण के लिए जो भी व्यक्ति नक्शा पास करवाता है, उसे (10 लाख तक छूट है।) निर्माण लागत का 1 प्रतिशत उपकर के रूप में देना होता है। यह राशि अनेक लोगों ने जमा करवाई है और इस राशि की रसीद भी सम्बंधित व्यक्ति को दी जाती है। यूआईटी द्वारा उपकर की यह राशि श्रम विभाग को जमा करवा दी जाती है।
उल्लेखनीय है कि श्रम विभाग कहता है कि वर्ष 2009 के बाद जितने भी निर्माण कार्य हुए हैं, चाहे वह निजी हैं या सरकारी। उन सभी से उपकर वसूली की जाएगी। लक्ष्यपूर्ति करने के चक्कर में श्रम विभाग उन लोगों को भी नोटिस थमा रहा है, जिन्होंने पहले से ही उपकर जमा करवा रखा है।  इन लोगों को बेवजह ही मानसिक प्रताडऩा झेलनी पड़ रही है।


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