किन्नर नगीना बाई की दावेदारी ने कड़ाके की ठंड मेंं निहालचंद के छुड़ाए पसीने
- इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट पाने की राह आसान नहीं
श्रीगंगानगर। लगातार चौथी बार सांसद चुने गए निहालचंद मेघवाल के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट पाने की राह आसान नहीं रह गई है। विभिन्न भाजपाई निहालचंद के मुकाबले में टिकट मांग रहे हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल है हनुमानगढ़ की उप सभापति किन्नर नगीना बाई। हनुमानगढ़ के भाजपाइयों ने बैठक करके नगीना बाई को टिकट देने का प्रस्ताव क्या पारित किया, कड़ाके की ठंड में निहालचंद के पसीने छूट गए। उन्होंने नगीना को दावेदारी से दूर हटाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए उन्होंने पूर्व केबिनेट मंत्री डॉ. रामप्रताप के बेटे अमित सहू से संपर्क साध कर नगीना को मनाने के लिए कहा है।
यह बैठक कुछ समय पहले हनुमानगढ़ की दुर्गा मंदिर धर्मशाला में हुई। इसमें हनुमानगढ़ के पार्षदों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नगीना बाई का नाम श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रस्तावित किया। इस पर सभी ने सहमति जताई और इस बार का लोकसभा चुनाव नगीना बाई को लड़वाने का निर्णय किया गया। इस मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने कहा कि नगीना बाई मिलनसार और सरल स्वभाव की धनी हैं। इसलिए वे हमारे क्षेत्र के लिए विकास के काम कर सकती हैं। कई कार्यकर्ताओं का यह भी कहना था कि सांसद निहालचंद से जो इलाके को अपेक्षाएं थीं वह उस पर खरे नहीं उतरे इसलिए अब नए चेहरे को चुनाव लड़वाने से हनुमानगढ़ क्षेत्र का विकास हो पाएगा।
बैठक में उपसभापति नगीना बाई, पूर्व पालिकाध्यक्ष राजकुमार तंवर, नगर मंडल अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, भाजपा नेता प्रकाश तंवर, शिव सारस्वत, रणजीत, राजेश मदान, महेश, सुरेश महायच, कुलदीप, गुरदीप, सुरेश धमीजा, मनोहर, पार्षद पति जसपाल सिंह, टाउन से पार्षद रमेश पेंटर, विनोद वर्मा, भरत सोरगर, पार्षद पति प्रदीप ऐरी, बिल्लू सैन, पवन मौर्य, नगर मंडल अध्यक्ष विनोद रेगर आदि पार्षदों सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
जानिए, कौन हैं नगीना बाई?
नगीना बाई हनुमानगढ़ नगर परिषद में लगातार पांचवीं बार पार्षद चुनी गई हैं एवं वर्तमान मेंं उप सभापति भी हैं। नगीना बाई के बेहतर वर्किंग स्टाइल, बेदाग छवि, निस्वार्थ सोच और जनता से सीधे जुड़ाव के कारण जनता ने उन्हें हमेशा जिताया है। किन्नरों को वोट डालने का अधिकार मिलने के पहले साल ही 1994 में नगीना बाई ने चुनाव जीत कर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 44 वर्षीय नगीना बाई मूल रूप से अबोहर के पास गांव सीतो की रहने वाली हैं और बचपन में ही किन्नर गुरु छन्नोबाई के पास आकर रहने लगीं। वर्ष 1994 में पहली बार वार्ड 37 से निर्दलीय पार्षद चुनी गईं। नगीना ने समस्याओं के लिए बुलंद आवाज के साथ वार्ड ही नहीं शहर की प्रमुख समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाने का काम किया है। नगीना बाई वार्ड 37 से एक बार, वार्ड 36 से दो बार, वार्ड दस से एक बार और वर्तमान में वार्ड 11 से पार्षद चुनी गईं।
श्रीगंगानगर। लगातार चौथी बार सांसद चुने गए निहालचंद मेघवाल के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट पाने की राह आसान नहीं रह गई है। विभिन्न भाजपाई निहालचंद के मुकाबले में टिकट मांग रहे हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल है हनुमानगढ़ की उप सभापति किन्नर नगीना बाई। हनुमानगढ़ के भाजपाइयों ने बैठक करके नगीना बाई को टिकट देने का प्रस्ताव क्या पारित किया, कड़ाके की ठंड में निहालचंद के पसीने छूट गए। उन्होंने नगीना को दावेदारी से दूर हटाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके लिए उन्होंने पूर्व केबिनेट मंत्री डॉ. रामप्रताप के बेटे अमित सहू से संपर्क साध कर नगीना को मनाने के लिए कहा है।
यह बैठक कुछ समय पहले हनुमानगढ़ की दुर्गा मंदिर धर्मशाला में हुई। इसमें हनुमानगढ़ के पार्षदों और बीजेपी कार्यकर्ताओं ने नगीना बाई का नाम श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के रूप में प्रस्तावित किया। इस पर सभी ने सहमति जताई और इस बार का लोकसभा चुनाव नगीना बाई को लड़वाने का निर्णय किया गया। इस मौके पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने कहा कि नगीना बाई मिलनसार और सरल स्वभाव की धनी हैं। इसलिए वे हमारे क्षेत्र के लिए विकास के काम कर सकती हैं। कई कार्यकर्ताओं का यह भी कहना था कि सांसद निहालचंद से जो इलाके को अपेक्षाएं थीं वह उस पर खरे नहीं उतरे इसलिए अब नए चेहरे को चुनाव लड़वाने से हनुमानगढ़ क्षेत्र का विकास हो पाएगा।
बैठक में उपसभापति नगीना बाई, पूर्व पालिकाध्यक्ष राजकुमार तंवर, नगर मंडल अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी, भाजपा नेता प्रकाश तंवर, शिव सारस्वत, रणजीत, राजेश मदान, महेश, सुरेश महायच, कुलदीप, गुरदीप, सुरेश धमीजा, मनोहर, पार्षद पति जसपाल सिंह, टाउन से पार्षद रमेश पेंटर, विनोद वर्मा, भरत सोरगर, पार्षद पति प्रदीप ऐरी, बिल्लू सैन, पवन मौर्य, नगर मंडल अध्यक्ष विनोद रेगर आदि पार्षदों सहित भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
जानिए, कौन हैं नगीना बाई?
नगीना बाई हनुमानगढ़ नगर परिषद में लगातार पांचवीं बार पार्षद चुनी गई हैं एवं वर्तमान मेंं उप सभापति भी हैं। नगीना बाई के बेहतर वर्किंग स्टाइल, बेदाग छवि, निस्वार्थ सोच और जनता से सीधे जुड़ाव के कारण जनता ने उन्हें हमेशा जिताया है। किन्नरों को वोट डालने का अधिकार मिलने के पहले साल ही 1994 में नगीना बाई ने चुनाव जीत कर राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 44 वर्षीय नगीना बाई मूल रूप से अबोहर के पास गांव सीतो की रहने वाली हैं और बचपन में ही किन्नर गुरु छन्नोबाई के पास आकर रहने लगीं। वर्ष 1994 में पहली बार वार्ड 37 से निर्दलीय पार्षद चुनी गईं। नगीना ने समस्याओं के लिए बुलंद आवाज के साथ वार्ड ही नहीं शहर की प्रमुख समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाने का काम किया है। नगीना बाई वार्ड 37 से एक बार, वार्ड 36 से दो बार, वार्ड दस से एक बार और वर्तमान में वार्ड 11 से पार्षद चुनी गईं।
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