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इन परिस्थितियों में जरूर लें मनोचिकित्सक की सलाह, डिमेंशिया और डिप्रेशन से बच जाएंगे

भागदौड़ की इस तनाव भरी जि़न्दगी में लोग आए दिन कुछ समय के लिए दु:ख के सागर में डूब जाते हैं जहां उन्हें घोर निराशा दिखती है और अंतर्विरोध एवं तनाव की समस्या तो लगी रहती है। यह सब इस युग की आम समस्याएं हैं। पर ये तब गंभीर हो जाती हैं जब खुद इन मानसिक समस्याओं से उबरने में आप असमर्थ हो जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप विभिन्न प्रकार की कई मानसिक समस्याएं पैदा होती हैं। हालांकि लंबे समय तक इन्हें झेलने के बजाय यदि आप सही समय पर किसी योग्य मनोचिकित्सक से सलाह लें तो आपकी जि़न्दगी आसान हो जाएगी। 
कब ज़रूरी है मनोचिकित्सक से सलाह लेना
किसी हादसे से उबरने में कठिनाई:
कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना जैसे किसी नज़दीकी का गुजर जाना आपके लिए एक सदमा हो जो कई तरह से आपकी मानसिक स्थिति को प्रभावित करे जैसे कि यह अहसास कि वह अभी भी जीवित है या फिर इस हादसे के बाद आपका जीवन सामान्य नहीं हो पाया।
किसी हादसे के मानसिक आघात से उबरने के लिए नशे का सहारा लेना:
सच का सामना करने के लिए नशे का सहारा लेना भी मानसिक तनाव की समस्या है। इन परिस्थितियों में लोग बहुत ज़्यादा मद्यपान, ड्रग्स या फिर अन्य नशा करने लगते हैं। सेहत के लिए हानिकारक ये नशा और इनकी आदतें स्वास्थ्य की अन्य समस्याओं की वजह बन जाती हैं जैसे कि खाने में अनियमितता और नींद नहीं आने की समस्याएं।
भावनात्मक उथल-पुथल से शरीर को नुकसान:
हमेशा भावनात्मक उथल-पुथल के दौर से गुजरते हुए लोग शरीर का ध्यान नहीं रख पाते हैं जिससे कई समस्याएं होती हैं मसलन पेट में दर्द या बार-बार सिरदर्द होना या फिर बीमारियों से लडऩे की क्षमता घटना। खुद को अलग-थलग महसूस करने की भावना प्रबल होने लगती है।
क्या आप खुद को अन्य सभी से अलग-थलग महसूस करते हैं पार्टी परिवार में हो या दोस्तों की, आप खुद को सबसे कटा हुआ महसूस करते हैं दरअसल अलग-थलग या एकाकीपन की यह भावना दुष्परिणाम है एक मानसिक भ्रम का जिसे दूर करने में मनोचिकित्सक आपकी मदद करेंगे और सगे-संबंधियों के साथ आपके रिश्तों में फिर गर्मजोशी आ जाएगी।  
आपको क्या करना होगा
मनोचिकित्सक से मिलने का समय लेने से पहले एक लिस्ट बनाएं जिसमें:
वे लक्षण लिखें जो आप खुद में पाते हैं और यह भी कि ये कितने समय से हैं
महत्वपूर्ण व्यक्तिगत जानकारियां दें जैसे कि वर्तमान में मुख्य तनाव या अतीत में हुए हादसों की जानकारी
अपने चिकित्सा संबंधी विवरण दर्ज करें जिनमें शारीरिक या मानसिक समस्याओं को शामिल करें।
यदि आप कोई दवा, विटामिन, हर्बल प्रोडक्ट या अन्य सप्लीमेंट लेते हैं तो उनकी खुराक समेत पूरी जानकारी दें।
चिकित्सक या मानसिक स्वास्थ्य सेवा देने वाले से क्या पूछें
मानसिक स्थिति के मूल्यांकन से क्या उम्मीद करें आप
आपकी मानसिक स्थिति के मूल्यांकन के दौरान इस पेशे के विशेषज्ञ पहले आपकी सभी चिंताएं ध्यान से सुनेंगे और आपके दृष्टिकोण से उन्हें समझने का प्रयास करेंगे। इसके बाद मनोचिकित्सक आपकी सेहत, लोगों से आपके संबंध के बारे में पूछेंगे और आपके परिवार का इतिहास जानना चाहेंगे। अब आपको एक प्रश्नपत्र दिया जाएगा जिनके उत्तर देने होंगे। सामान्य स्वास्थ्य जांच भी की जा सकती है।
इस उपचार से आपकी क्या अपेक्षाएं हों
मनोचिकित्सक आपकी समस्याओं को समझने के बाद आपके लिए सही उपचार योजना बनाएंगे। इसमें अलग-अलग थिरैपी करने, दवाइयां लेने, सलाह लेने और / या न्यूरोमॉड्यूलेशन के लिए कहा जाएगा। यदि जरूरी हुआ तो मनोचिकित्सक थिरैपी के साथ आपको कुछ दवाइयां लिखेंगे और आपकी स्थिति पर निगरानी रखेंगे।
मानसिक समस्याएं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक किसी उम्र में हो सकती हैं। इसका प्रमाण बच्चों में एडीएएच, ऑटिस्टिक स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर, स्कूल जाने से मना करने जैसी समस्याओं; वयस्कों में डिप्रेशन, घबराहट, साइकोसिस, ओसीडी, नशे की बीमारी; और बुजुर्गों में डिमेंशिया, साइकोसिस और डिप्रेशन की समस्याओं का बढऩा है।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखे बिना आपका शरीर स्वस्थ नहीं रहेगा और आप एक सफल जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। इसलिए यदि आप किसी हादसे, तनाव और डिप्रेशन से बाहर निकलने में खुद को असमर्थ पाते हैं तो किसी मनोचिकित्सक से सलाह लेने का यही सही समय है। यदि आपके मन में मानसिक समस्या के सवाल उठते हैं या आप इस संबंध में जानकारी चाहते हैं तो किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें जो आपके सभी सवालों के उत्तर देकर आपका मन हल्का कर देंगे।

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